7 फरवरी को आई प्राकृतिक आपदा को 1 महीने होने वाले हैं चमोली के जोशीमठ विकासखंड के रैणी और तपोवन क्षेत्र में ग्लेशियर टूटने के बाद भारी मात्रा में प्राकृतिक आपदा आई थी जिसमें बीआरओ का भारत चीन को जोड़ने वाला मोटर पुल भी बह चुका था ।इसके अलावा लोक निर्माण विभाग के भी कई पुल तबाह हो गए हैं
7 फरवरी को आई प्राकृतिक आपदा के बाद बीआरओ ने लगभग 1 महीने के अंदर रैणी के पास नीति मलारी राष्ट्रीय राजमार्ग पर 200 फुट का लंबा वेली ब्रिज बनाकर तैयार कर दिया है इस ब्रिज को बनाने में बीआरओ को लगभग 21 से 22 दिन लगे, इस पुल को 20 मार्च तक बना कर तैयार करना था लेकिन युद्ध स्तर पर कार्य करने के बाद 15 दिन शेष रहते ही यह पुल बनकर तैयार हो गया है और शुक्रवार को इस पुल पर यातायात सुचारू कर दिया जाएगा।
बीआरओ द्वारा बनाए गए इस वैली ब्रिज की खासियत यह है कि यह उत्तराखंड में सबसे लंबा वैली ब्रिज हैं, जिसकी लंबाई लगभग 60 मीटर है इस पुल को बनाने के लिए देश के विभिन्न राज्यों और जिलों से मंगाना पड़ा, जिसमें जम्मू कश्मीर, पठानकोट, उत्तराखंड के उत्तरकाशी, पिथौरागढ़ आदि जगहों से इस पुल के निर्माण में लगने वाली सामग्री को मंगाया गया
7 फरवरी को ग्लेशियर टूटने के बाद तबाह हुए मोटर को बनाने के लिए 8 फरवरी से ही बीआरओ ने अपनी मशीनें और पुल निर्माण की सामग्री उत्तराखंड के रैणी में पहुंचाने शुरू कर दी थी पुल निर्माण में कई सावधानियां बर्ती गई है।
यह पुल सीमावर्ती क्षेत्रों को जोड़ने के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है लगभग 40 टन के वाहन इस वैली ब्रिज से गुजरते हैं इसलिए बीआरओ ने इसे 3 स्टोरी पुल बनाया है इसमें सेना के बड़े बड़े वाहन भी आसानी से गुजर सकते हैं