कहते हैं उम्मीद पर तो दुनिया टिकी है और यह सही भी साबित हुआ जोशीमठ नगर में पिछले काफी वर्षों से एक मां अपने दो बच्चों के साथ दर-दर की ठोकरें खा रही थी अब जाकर उस पत्नी को अपना पति और दो मासूम बच्चियों को अपना पिता मिल गया है। यह सब हुआ है जोशीमठ तपोवन के समाजिक कार्यकर्ता ओम प्रकाश डोभाल के प्रयासों से ओमप्रकाश डोभाल ने इस पूरे मामले में विभागों के चक्कर काटकर पत्राचार किया और सोशल मीडिया पर भी काफी प्रचार प्रसार किया बाकी इस भटकती वह महिला को उसका परिवार मिल सके। जोशीमठ नगर के रहने वाले वैभव सकलानी ने भी सोशल मीडिया और एसडीएम जोशीमठ, जिलाधिकारी चमोली को पत्र लिखकर इस मामले में संज्ञान लेने के लिए प्रार्थना की। इन सभी लोगों ने सोशल मीडिया मीडिया पर एक मुहिम छेड़ी थी। महिला से वार्ता करने पर महिला अपना नाम और अता पता नहीं बता पा रही थी उसके साथ दो मासूम बच्चियां जो अपने आप को वर्षा और सराबानी बता रहे थे, इस पूरे मामले को उत्तराखंड महिला आयोग से लेकर बाल आयोग तक जब यह मामला पहुंचा तो उत्तराखंड बाल आयोग और महिला आयोग के द्वारा खोजबीन करने पर इस पूरे मामले का खुलासा हुआ दिल्ली बाल आयोग की टीम भागलपुर थाने में पहुंची जहां पहले से ही श्रीमती चंदा देवी के पति नरेश हरि ने अपनी पत्नी और अपने दो बच्चों की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की थी भागलपुर थाने में 2018 मैं यह मामला दर्ज किया गया था। लगभग 3 सालों तक खोजबीन करने के बाद अब 2020 में इस महिला का पता उत्तराखंड के जोशीमठ में चल पाया है, 5 फरवरी को नरेश हरि अपनी पत्नी और बच्चों को लेने के लिए देहरादून पहुंच रहे हैं जहां बाल आयोग और महिला आयोग की अध्यक्ष नरेश हरी को उसकी दो बच्चियां वर्षा और साराबानी पत्नी श्रीमती चंदा देवी को सौंपेंगे सोशल मीडिया और अखबारों तथा टीवी चैनल के माध्यम से चलाई गई यह मुहिम रंग लाई खोए हुए पति को उसकी पत्नी और दो बेटियां मिल गई सामाजिक कार्यकर्ताओं के द्वारा इस तरीके से प्रयास करने पर जमकर तारीफ भी हो रही है जोशीमठ के नगर पालिका अध्यक्ष शैलेंद्र सिंह पवार ने कहां की गौरव सकलानी ,ओमप्रकाश डोभाल, के अलावा जिन जिन लोगों ने इनकी मदद की है वह बधाई के पात्र हैं सभासद अमित सती समीर डिमरी ने भी सब को बधाई दी, और साथ ही पुलिस प्रशासन का भी धन्यवाद दिया ।

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