भारत चीन सीमा को जोड़ने वाली जोशीमठ मलारी सड़क पर जल्द ही सड़क चौड़ीकरण का कार्य शुरू होना है उससे पहले एचएनबी श्रीनगर गढ़वाल की एक टीम इन दिनों जोशीमठ पहुंची है जो सड़क चौड़ीकरण से पहले सड़क को जोड़ने वाले 14 ग्राम सभाओं में पहुंचकर ग्रामीणों से वार्ता करेगी और लोगों की राय भी लेगी, टीम समाघात निर्धारण सर्वेक्षण कार्य सड़क चौड़ीकरण मैं आने वाले काश्तकारों के साथ मिलकर कर रही है। मंगलवार को राजकीय आदर्श बालिका इंटर कॉलेज जोशीमठ में सर्वेक्षण के तहत गढवाल विश्व विद्यालय के समाजशस्त्र एवं समाजकार्य विभाग की ओर ग्रामीणों की बैठक आयोजित की गई। इस दौरान टीम के सदस्यों द्वारा भारत सरकार के सड़क चौड़ीकरण के प्रस्ताव पर ग्रामीणों से बातचीत की। परियोजना निर्माण से पूर्व सरकार द्वारा ग्रामीणों से वार्ता करने के इस प्रयास को ग्रामीणों की ओर से भी समर्थन मिल रहा है।
बता दें कि भारत माला योजना के तहत भारत सरकार की ओर से भारत-तिब्बत सीमा क्षेत्र को यातायता से जोड़ने वाली जोशीमठ-मलारी सड़क को 31 किमी तक चौड़ीकरण और विस्तारीकरण की योजना तैयार की गई है। जिसके लिये सरकार की ओर से योजना निर्माण से पूर्व सड़क निर्माण की जद में आने वाले क्षेत्र के 14 गांवों के ग्रामीणों से मिलन सामाजिक समाघात निर्धारण सर्वेक्षण करया जा रहा है। इस दौरान मंगलवार को हेमवंती नंदन बहुगुणा गढवाल विवि श्रीनगर के समाजशास्त्र एवं समाजकार्य विभाग की नौ सदस्यी टीम ने रविग्राम में ग्रामीणों से बातचीत की। इस दौरान नापभूमि, भवनों के अधिग्रहण के साथ ही सड़क निर्माण से होने वाली दिक्कतों और उनके समाधान को लेकर चर्चा की गई। उन्होंने एक निर्धारित पत्र पर ग्रामीणों के सुझावों को भी अंकित किया। इस दौरान रवि ग्राम के सभासद समीर डिमरी ने बताया कि सरकार के द्वारा की जा रही सर्वे भविष्य के लिए काश्तकारों के हित में हैं लेकिन सर्वे से पहले ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को इसकी जानकारी देना भी जरूरी है उन्होंने कहा काश्तकार की भूमि मकान, सड़क, चौड़ीकरण में जा रही है उसका आकलन किया जाना जरूरी है, इस मौके पर मुख्य अंवेषक डा. जेपी भट्ट, ने बताया कि 2013 मैं भूमि अधिग्रहण के नियम बदल चुके हैं अब सरकार किसी भी क्षेत्र में जल विद्युत परियोजना, रेलवे से लेकर सड़क बनाने का कार्य करने से पूर्व लोगों से आपसी बात करने पर ही शुरु कर रही है ताकि बाद में किसी भी प्रकार की विवाद की स्थिति पैदा ना हो सके उन्होंने बताया कि उनके द्वारा की जा रही सर्वे में काश्तकारों के कहने पर ही फार्म में हर बात अंकित की जा रही है सर्वे टीम में डा. नरेश मिश्रा, डा. दिनेश कुमार, डा. राजीव नागर, डा. राजेंद्र सिंह, सतीश गुसांई, अजंली, कृतिका, आरती, आरके मीना और संजीत सहित राजस्व, तहसील और बीआरओ के अधिकारी मौजूद थे।