आदि गुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती महाराज के मठ में 64 योगिनी देवी की स्थापना की गई इस दौरान क्षेत्र की64 महिलाओं ने मां दुर्गा के रूपों की विशेष पूजा अर्चना में शामिल होकर विश्वव्यापी करो ना संक्रमण को दूर भगाने की मां दुर्गा से प्रार्थना की।

बद्रिका आश्रम में यह पहला मंदिर है जहां 64 योगिनी देवियों की मूर्ति स्थापित की गई है उत्तराखंड में चौसठ योगिनी देवियों का जन्म हुआ है जो रुद्रप्रयाग के कालीमठ क्षेत्र में विराजमान हैं लेकिन मूर्ति के रूप में पहली बार शंकराचार्य स्वरूपानंद महाराज ने अपने मठ में देवी के 64 रूपों को स्थापित किया है भविष्य में इस मंदिर के बनने से चारों धाम आने वाले तीर्थयात्री आदि गुरु शंकराचार्य के कल्पवृक्ष के दर्शनों के साथ-साथ 64 योगिनी देवी के दर्शन भी करेंगे।
शंकराचार्य स्वरूपानंद के शिष्य आचार्य मुक्तेश्वरा नन्द ने कहां की भारत देश इस समय कोरोना महामारी से परेशान हैं आर्थिक मंदी ,सामाजिक दूरियां भी बढ़ गई है माना जाता है कि देवी के 64 रूपों को पूजने से सभी दुख दूर होते है । इसलिए आदि गुरु शंकराचार्य के पौराणिक मठ में इस चौसठ योगिनी देवी की विभिन्न मूर्तियों का पूजन और उनकी स्थापना की गई है

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here