उत्तराखंड के चारों धामों के साथ ही सिख तीर्थ हेमकुंड साहिब व लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट बंदी की तिथियां घोषित हो गई हैं। बदरीनाथ धाम में ज्योतिष गणना के बाद कपाट बंदी का मुहूर्त निकाला गया। बदरीनाथ के कपाट 19 नंवबर को, केदारनाथ और यमुनोत्री के कपाट 27 अक्टूबर को भैयादूज के दिन, गंगोत्री के कपाट 27 अक्टूबर को अभिजीत मुहूर्त में और हेमकुंड साहिब व लक्ष्मण मंदिर के कपाट 10 अक्टूबर को शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे।

बदरीनाथ धाम में आज विजयदशमी के पर्व पर शीतकाल के लिए मंदिर के कपाट बंद किए जाने की तिथि के निर्धारण के लिए विधिविधान से पंचाग पूजन और गणना की गई। धाम के कपाट 19 नवंबर शनिवार के दिन अपराह्न 3.35 बजे बंद होंगे। धर्माधिकारी भुवनचंद्र उनियाल द्वारा तिथि निर्धारण के बाद रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी ने कपाट बंदी के मुहूर्त की विधिवित घोषणा की।

धाम में कपाट बंदी की प्रक्रिया पंच पूजाओं रुप में 15 नवंबर को गणेश भगवान की पूजा अर्चना के साथ शुरू होगी। 16 नवंबर को आदि केदारेश्वर मंदिर के कपाट बंद होंगे। 17 बृहस्पतिवार नवंबर को खडग पुस्तक पूजन एवं वेद ऋचाओं का पाठ बंद होगा। 18 नवंबर शुक्रवार मां लक्ष्मी जी को कढाई भोग लगाया जायेगा और पांचवें दिन 19 नवंबर को रावल स्त्री भेष में मां लक्ष्मी को बदरीविशाल के निकट स्थापित करेंगे। इससे पूर्व उद्धव जी एवं कुबेर जी के विग्रह स्वरूप गर्भगृह से मंदिर प्रांगण में लाए जाएंगे। तदुपरांत मंदिर के कपाट बंद होंगे।

भगवान कुबेर रात्रि अवस्थान हेतु बामणी गांव चले जाएंगे। जबकि उद्धव जी रावल मंदिर के निकट रहेंगे। वहीं, आदि गुरु शंकराचार्य की डोली जोशीमठ और उद्धव जी तथा कुबेर जी की डोली 20 नंवबर की सुबह पांडुकेश्वर स्थित योगध्यान बदरी के लिए प्रस्थान करेगी। अगले दिन आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी नृसिंह मंदिर जोशीमठ पहुंचेगी।

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