राम मंदिर को लेकर चाचा और भतीजे भी गए थे जेल आज दोनों है खुश मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जो खुशी रमेश सती अधिवक्ता और पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती मैं भी साफ दिखाई दे रही है आज राम मंदिर में फैसला आने के बाद पूरे देश में लोग खुशियां मना रहे हैं तो जोशीमठ के लिए दो व्यक्ति भी खुशी मनाते हुए नजर आ रहे हैं द सन 1995 में जब राम मंदिर पर फैसला आया था तो अधिवक्ता रमेश सती और पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष श्री सरस्वती को 7 दिन के लिए जेल भेज दिया गया था अधिवक्ता रमेश सती ने बताया कि विवादित भूमि को राम मंदिर के निर्माण को दिये जाने का ऐतिहासिक निण॔य स्वागत योग्य है।मै एक कार सेवक रहा हूँ तथा वषॆ 1992 मै अयोध्या जाने पूवॆ मुझे व ऋषि’ प्रसाद सती को स्थानीय उप जिलाधिकारी आर पी पांडे व भारी पुलिस फोर्स ने घर से गिरफ्तार कर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट चमोली की अदालत मै पेश किया था जहाँ हमे न्यायिक हिरासत मै चमोली जेल भैजने आदेश दिया गया हमारे विरुद्ध वाद संख्या 50/92 , 10/13विधि विरूद आचरण अधिनियम के तहत वाद चला जिसमें सात दिन न्यायिक हिरासत मै रहने बाद जमानत मिली थी।तथा हमारे विरुद्ध 6 साल मुकदमा चला था तथा दिनांक 4/4/1997को शासन द्वारा हमारे विरुद्ध दजॆ मुकदमा वापस लिया था।
ऋषि प्रसाद सती और रामेश्वरी का कहना है कि आज जेल मे विताये वो सात दिन हमें बड़े सौभाग्यशाली लग रहे हैं की हमने भी राम लला के लिए कुछ तो योगदान दिया आज जब सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया तो हमे बहुत खुशी है रही है और हम इस फैसले का स्वागत करते है।
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