मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम के तहत 10500 फिट की ऊंचाई पर स्थित गुंजी धारचूला में आयोजित साहसिक एमटीबी साइकिल रैली टूर द कैलाश को हरी झण्डी दिखाकर ज्यौलीकांग और नभीढांग के लिए रवाना किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कुटी और यांगती नदी में राफ्टिंग करने वाले दल को भी रवाना किया।
मुख्यमंत्री ने माउन्टेन साईकिल रैली में प्रतिभाग कर रहे विभिन्न राज्यों से आए सभी प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कहा कि इससे प्रतिभागियों को उत्तराखण्ड के नैसर्गिक प्राकृतिक सौन्दर्य एवं संस्कृति से परिचित होने का अवसर प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजना बेहद सराहनीय कदम है। इस कार्यक्रम के माध्यम से अन्य राज्यों से आए हुए लोगों को भी प्रदेश और सीमान्त क्षेत्र को जानने का भी अवसर मिलेगा तथा स्थानीय रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सीमान्त एवं ग्रामीण क्षेत्रों को सशक्त बनाने एवं पलायन रोकने हेतु निरंतर प्रयासरत है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का दशक बताया है। राज्य के समग्र विकास के लिये हम इस दिशा में प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में प्रदेश में करोड़ों रुपये की योजनाएं चल रही हैं। हमारा प्रयास है कि उत्तराखंड में ज्यादा से ज्यादा होम स्टे बनें, इससे स्थानीय लोगों को रोजगार तो मिलेगा ही साथ ही अन्य राज्यों से आने वाले पर्यटकों को भी हमारी संस्कृति जानने का अवसर मिलेगा। आज केंद्र और राज्य में बनने वाली नीतियां समाज के अंतिम छोऱ पर खड़े लोगों तक लाभ पहुँचाने के उद्देश्य से बनाई जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में चारधाम यात्रा चरम पर चल रही हैं। होटल, टैक्सी व यात्रा से जुड़े अन्य संसाधन पूरी तरह से बुक हैं। उन्होंने यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं से अपेक्षा कि यदि उन्हें स्वास्थ्य सम्बन्धी कोई समस्या है तो अभी यात्रा पर न आयें। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि साहसिक खेलों के आयोजन से सीमांत क्षेत्रों में चहल-पहल रहेगी पर्यटकों के आने से होम स्टे, टैक्सी, होटल, गाइड व ढाबें वालों की आय में सुधार होगा।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि भारत माला प्रोजेक्ट से राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़क कनेक्टिविटी का कार्य संभव हो पाया। इससे सुदूर पर्वतीय क्षेत्रों में आवागमन की सुगमता होगी तथा इन क्षेत्रों के समग्र विकास की राह प्रशस्त होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि साहसिक पर्यटन का यह आयोजन सराहनीय प्रयास है। इसमें सीमान्त क्षेत्र के इन सुरम्य स्थलों की पहचान देश व दुनिया तक पहुंचाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन स्वरोजगार को बढ़ावा देने तथा पलायन रोकने में भी मददगार होंगे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने एसएसबी, आईटीबीपी और सेना के जवानों का हौसला बढा़या।
कार्यक्रम में गुंजी ग्राम प्रधान सुरेश गुंज्याल, डीएम डा, आशीष चौहान, डीएफओ कोको रोसे, एसडीएम धारचूला नंदन कुमार, एसएसबी के पाटिल राकेश सहित कई अन्य विभागीय अधिकारी और स्थानीय लोग मौजूद रहे।
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