Home उत्तराखण्ड ‘नृसिंह मंदिर’ भगवान् विष्णु के चतुर्थ अवतार जाने इनके बारे में……

‘नृसिंह मंदिर’ भगवान् विष्णु के चतुर्थ अवतार जाने इनके बारे में……

528
10
SHARE

उत्तराखंड के चमोली जिले में ज्योतिर्मठ (जोशीमठ) में स्थित ‘नृसिंह मंदिर’ भगवान् विष्णु के 108 दिव्य देशमों में से एक है। यह मंदिर भगवान् विष्णु के चतुर्थ अवतार भगवान् नृसिंह को समर्पित है। सप्त बद्री में से एक होने के कारण इस मंदिर को ‘नृसिंह बद्री मंदिर’ भी कहा जाता है। नृसिंह मंदिर जोशीमठ का प्रमुख मंदिर माना जाता है।
1200 वर्षों से भी पुराने इस मंदिर के विषय में यह कहा जाता है। यहाँ नृसिंह स्वामी की लगभग 10 इंच ऊँची, शालिग्राम शिला से स्व-निर्मित एक प्रतिमा स्थापित है, जिसमें भगवान् नृसिंह एक कमल पर विराजमान हैं। पौराणिक एंवम लौकिक तत्वों के मिश्रित रूप में नर सिंह देवता की पूजा गढ़वाल क्षेत्र में की जाती है। कुमांऊ क्षेत्र में भी कुछ जगहों पर नृसिंह देवता को पूजा जाता है। नृसिंह देवता का मूल उद्गम जोशीमठ में माना जाता है और इसका प्राचीन मंदिर भी जोशीमठ में ही स्थापित है। यहां आठवीं सदी में धर्मसुधारक आदि शंकराचार्य को ज्ञान प्राप्त हुआ और बद्रीनाथ मंदिर तथा देश के विभिन्न कोनों में तीन और मठों की स्थापना से पहले यहीं उन्होंने प्रथम मठ की स्थापना की। जाड़े के समय इस शहर में बद्रीनाथ की गद्दी विराजित होती है जहां नरसिंह के सुंदर एवं पुराने मंदिर में इसकी पूजा की जाती है।
मंदिर का नवनिर्माणः जोशीमठ में भगवान नृसिंह का नया मंदिर बनकर तैयार हो गया है। अब18 अप्रैल को बदरीश पंचायत सहित अन्य देवी-देवताओं के साथ भगवान नृ

सिंह इस मंदिर मे विराजमान होंगे। इस नवनिर्मित मंदिर के पत्थरों पर हिमाद्रि शैली की शानदार नक्काशी की गई है। आपको बताते चले की वर्ष 2012 में भी नरसिंह देवता के मंदिर का कार्य शुरू किया गया था ,जो की गाजियाबाद की निर्माण एजेंसी के अधीन था, लेकिन कार्य समय से शुरू ना कर पाने की वजह से समिति ने अपनी अलग निर्माण इकाई बनाकर यह कार्य स्वयं शुरू कर दिया। उत्तराखंड में तीसरा सबसे ऊंचा मंदिरः नवनिर्मित नृसिंह मंदिर उत्तराखंड का तीसरा सबसे ऊंचा मंदिर है। इसकी ऊंचाई 68 फीट है। पहले स्थान पर 72 फीट ऊंचा केदारनाथ मंदिर है, जबकि दूसरा स्थान गोपेश्वर स्थित 71 फीट ऊंचे गोपनाथ मंदिर का है।
ऐतिहासिक और पौराणिक महत्वः राजतरंगिणी के अनुसार 8वीं सदी में कश्मीर के राजा ललितादित्य मुक्तापीड़ द्वारा अपनी दिग्विजय यात्रा के दौरान प्राचीन नरसिंह मंदिर का निर्माण उग्र नरसिंह की पूजा के लिये हुआ जो विष्णु का नरसिंहावतार है। जिनका परंतु इसकी स्थापना से संबद्ध अन्य मत भी हैं। कुछ कहते हैं कि इसकी स्थापना पांडवों ने की थी, जब वे स्वर्गरोहिणी की अंतिम यात्रा पर थे। दूसरे मत के अनुसार इसकी स्थापना आदि गुरू शंकराचार्य ने की क्योंकि वे नरसिंह को अपना ईष्ट मानते थे। इस मंदिर की वास्तुकला में वह नागर शैली या कत्यूरी शैली का इस्तेमाल नहीं दिखता है जो गढ़वाल एवं कुमाऊं में आम बात है। यह एक आवासीय परिसर की तरह ही दिखता है जहां पत्थरों के दो-मंजिले भवन हैं, जिनके ऊपर परंपरागत गढ़वाली शैली में एक आंगन के चारों ओर स्लेटों की छतें हैं। यहां के पुजारी मदन मोहन डिमरी के अनुसार संभवतः इसी जगह शंकराचार्य के शिष्य रहा करते थे तथा भवन का निर्माण ट्रोटकाचार्य ने किया जो ज्योतिर्मठ के प्रथम शंकराचार्य थे। परिसर का प्रवेश द्वार यद्यपि थोड़ा नीचे है, पर लकड़ी के दरवाजों पर प्रभावी नक्काशी है जिसे चमकीले लाल एवं पीले रंगों से रंगा गया है। परिसर के भीतर एक भवन में एक कलात्मक स्वरूप प्राचीन नरसिंह रूपी शालीग्राम को रखा गया है। ईटी. एटकिंस वर्ष 1882 के दी हिमालयन गजेटियर में इस मंदिर का उज्ज्वल वर्णन किया है। एक अत्युत्तम कारीगरी के नमूने की तरह विष्णु की प्रस्तर प्रतिमा गढ़ित है। यह लगभग 7 फीट ऊंची है जो चार महिला आकृतियों द्वारा उठाया हुआ है। पंख सहित एक पीतल की एक अन्य प्रतिमा भी है जो ब्राह्मणों का जनेऊ धारण किये हुए है, जिसे कुछ लोग बैक्ट्रीयाई ग्रीक कारगरी होना मानते हैं। 2 फीट ऊंची गणेश की प्रतिमा अच्छी तरह गढ़ी एवं चमकीली है। मंदिर में लक्ष्मी, भगवान राम, लक्ष्मण, जानकी, कुबेर, गरूड़ और श्री बद्रीनाथ की मूर्तियां भी हैं। यह है मान्यताः भगवान नृसिंह से सम्बंधित मान्यता है कि इनकी बायीं भुजा की कलाई धीरे-धीरे कमजोर हो रही है। जिस दिन कलाई टूटकर अलग हो जाएगी, उस दिन विष्णुप्रयाग के पास पटमिला में जय-विजय पर्वत आपस में मिल जाएंगे। तब भगवान बदरी विशाल भविष्य बदरी में अपने भक्तों को दर्शन देंगे। यह भी मान्यता है कि जोशीमठ में भगवान नृसिंह के दर्शनों के बाद ही बदरीनाथ यात्रा को पूर्ण माना जाता है।

10 COMMENTS

  1. Thank you for the good writeup. It in fact was a amusement account it.
    Look advanced to far added agreeable from you!
    By the way, how can we communicate?

  2. Hello just wanted to give you a quick heads up.
    The words in your post seem to be running off the screen in Internet explorer.
    I’m not sure if this is a format issue or something to do with web browser compatibility but I figured I’d post to let you know.

    The layout look great though! Hope you get the issue resolved soon. Many thanks

  3. You could certainly see your skills within the article you write.
    The sector hopes for even more passionate writers like you who are not
    afraid to mention how they believe. All the
    time follow your heart.

  4. Hi, i believe that i noticed you visited my web site thus i
    came to go back the choose?.I am attempting to to
    find things to enhance my website!I assume its good enough to
    use some of your concepts!!

  5. Excellent blog here! Additionally your web site
    lots up very fast! What web host are you using?
    Can I get your affiliate hyperlink in your host?
    I want my website loaded up as fast as yours lol

  6. I absolutely love your blog.. Great colors & theme.
    Did you develop this web site yourself? Please reply back as I’m looking to
    create my own personal blog and want to find out where you got this from
    or just what the theme is called. Kudos!

  7. you are actually a just right webmaster. The site loading velocity is incredible.
    It sort of feels that you’re doing any distinctive trick.
    Moreover, The contents are masterwork. you have performed a excellent job on this topic!

  8. Hey, I think your blog might be having browser compatibility issues.
    When I look at your blog in Chrome, it looks fine but when opening in Internet
    Explorer, it has some overlapping. I just wanted to
    give you a quick heads up! Other then that, amazing blog!

  9. It’s in fact very complex in this active life to listen news
    on TV, so I simply use web for that reason, and take the
    hottest news.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here