रिपोर्टर दीपक भारद्वाज सितारगंज
सितारगंज जनहित कल्याण समिति के अध्यक्ष मौलाना सलीम रिज़वी ने माननीय राज्य मंत्री शादाब शम्स उपाध्यक्ष प्रधानमंत्री 15 सूत्रीय कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति उत्तराखंड सरकार देहरादून को ज्ञापन के माध्यम से अवगत कराया है।कि सूचना अधिकार अधिनियम के अंतर्गत प्राप्त सूचना के अनुसार उत्तराखंड मदरसा शिक्षा परिषद मुंशी/मौलवी (हाईस्कूल के समकक्ष), आलिम (इंटर), कामिल (बीए) तथा फाजिल (एमए) की परीक्षा कराता है।मौलवी व आलिम के सर्टिफिकेट की अस्थाई,मान्यता है लेकिन कामिल और फाजिल की डिग्री को स्नातक और परास्नातक के समकक्ष मान्यता नहीं है।इसको धार्मिक डिग्री बताकर टहलाने का काम किया गया है।जबकि प्रतिवर्ष कई हज़ार छात्रों को बोर्ड द्वारा कामिल व फाजिल की डिग्री दी जा रही है। मदरसा बोर्ड अधिकतम इंटर स्तर तक की परीक्षा आयोजित करा सकता है, लेकिन बोर्ड नियमों की अनदेखी कर कामिल एवं फाजिल की फ़र्ज़ी डिग्री दे रहा है।इस डिग्री पर देश के किसी भी कॉलेज या विश्वविद्यालय में एडमिशन एवं नौकरी नहीं मिलती है।जो के छात्रों के हक हुकूक का हनन है,ओर न क़ाबिले बर्दाश्त है।15 सूत्रीय मंत्री शदाब शम्स द्वारा मदरसा अरबी फारसी बोर्ड की बदहाल व्यवस्था को दुरुस्त,और फाजिल बीए और कामिल एमए को स्थाई दर्जा और अस्थाई डिग्रियों को स्थाई दर्जा दिलाने का विश्वास दिलाया गया है।हमारी मांग है कि ऐसी फर्जी डिग्री को देना बंद किया जाए या फिर मान्यता दी जाए।जिससे कि युवाओं के साथ खिलवाड़ न हो।इसको लेकर माननीय राज्यमंत्री शादाब शम्स को ज्ञापन दिया गया है।
I used to be able to find good information from your articles.