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रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में साजिश की ओर इशारा…एक और आरोपी की मौत, दिल्ली में की आत्महत्या

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रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में साजिश की ओर इशारा…एक और आरोपी की मौत, दिल्ली में की आत्महत्या

चाप सिंह मुख्य आरोपी केपी सिंह का दायां हाथ था। उसके खिलाफ वर्ष 2023 में पटेलनगर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। तब से आरोपी चाप सिंह फरार चल रहा था।

राजधानी का रजिस्ट्री फर्जीवाड़ा अब किसी बड़ी साजिश की ओर इशारा कर रहा है। इस मामले में अब मौतों का सिलसिला भी शुरू हो गया है। पिछले साल मुख्य आरोपियों में से एक सहारनपुर के केपी सिंह की सहारनपुर जिला जेल में संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी। अब इससे जुड़े दो और आरोपियों की मौत हो चुकी है। ताजा मामला आरोपी चाप सिंह का है। चाप सिंह की दिल्ली के नरेला में ट्रेन से कटने से मौत हो गई है। प्रथमदृष्टया मामला आत्हत्या का ही बताया जा रहा है।

बताया जा रहा है कि चाप सिंह मुख्य आरोपी केपी सिंह का दायां हाथ था। उसके खिलाफ वर्ष 2023 में पटेलनगर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। तब से आरोपी चाप सिंह फरार चल रहा था। वह मूल रूप से सोनीपत हरियाणा का रहने वाला था। केपी सिंह के खिलाफ कैंट थाने में राजेंद्र नगर स्थित एक प्लॉट को बेचने का मामला सामने आया था। उस मामले में भी चाप सिंह बतौर गवाह था। अब खबर आई है कि उसकी लाश नरेला के रेलवे ट्रैक पर पड़ी मिली। बताया जा रहा है कि बेहद कर्जा होने के चलते उसने आत्महत्या की है। इसकी पुष्टि स्थानीय पुलिस के अधिकारियों ने भी की है।

इससे पहले सुखविंदर सिंह की गत आठ सितंबर को संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी। सुखविंदर के खिलाफ भी रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में कई मुकदमे दर्ज थे। बता दें कि मौत का सिलसिला पिछले साल केपी सिंह से शुरू हुआ था। केपी सिंह एक मामले में जमानत तुड़वाकर सहारनपुर जेल में बंद हुआ था। उसके खिलाफ यहां देहरादून में भी एक के बाद एक मुकदमे दर्ज हो रहे थे। इसी बीच उसकी जेल में तबीयत खराब हो गई। कुछ देर बाद डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पहले केपी सिहं फिर सुखविंदर और अब चाप सिंह की मौत इस मामले में किसी बड़ी साजिश की ओर ही इशारा कर रही है। कोई है जिसे अपने राज खुलने का डर है।

30 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हुए रजिस्ट्री फर्जीवाड़े
बता दें कि पिछले साल जुलाई में रजिस्ट्री फर्जीवाड़ा सामने आया था। इसमें दो एसआईटी एक प्रशासन और एक पुलिस के स्तर पर गठित हुई थी। प्रशासन की एसआईटी ने मामलों की जांच की और मुकदमों की संस्तुति कर पुलिस के पास भेजा। पुलिस अब तक करीब 30 से ज्यादा मुदकमे दर्ज कर चुकी है। इसमें 20 से ज्यादा आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। अधिकतर मुकदमो में चार्जशीट भी पुलिस दाखिल कर चुकी है।