उत्तरकाशी: उत्तरकाशी जिला मुख्यालय में बारिश के बीच फिर वरुणावत पर्वत से भूस्खलन हुआ है। भूस्खलन की तेज आवाज सुनकर लोग दहशत में आ गए और घर छोड़कर बाहर भागे। मस्जिद मोहल्ला निवासी अनिता व बीना ने बताया कि बच्चे पढ़ रहे थे, फिर वो अचानक घर से भागकर नीचे आ गए। आवाज बहुत तेज थी।
वरुणावत पर्वत का बड़ा हिस्सा दरकने की आशंका जताई जा रही है। वहीं, सूचना मिलते ही एडीएम रजा अब्बास व एसडीएम बृजेश कुमार तिवारी आपदा प्रबंधन केंद्र पहुंचे। केंद्र के अधिकारी भी फोकस लाइट से भूस्खलन की स्थिति देखने में जुटे हैं।
वरुणावत पर्वत पर एक हफ्ते में दूसरी बार भूस्खलन हुआ है। बीते मंगलवार(27 अगस्त) को भी यहां भूस्खलन हुआ था। पर्वत से अचानक आवासीय क्षेत्रों के आसपा यस बोल्डर गिरे तो लोगों में अफरा-तफरी मच गई थी। इस घटना ने वर्ष 2003 में हुए भूस्खलन की कड़वी यादें ताजा कर दीं।
असी और वरुणा नदियों के बीच उत्तरकाशी शहर वरुणावत पर्वत की तलहटी में बसा हुआ है। वरुणावत पर्वत पंचकोसी वारुणी यात्रा के साथ इस पर स्थित पौराणिक मंदिराें के लिए तो प्रसिद्ध है ही। यह वर्ष 2003 के विनाशकारी भूस्खलन के लिए याद किया जाता है। साल 2003 में अचानक ही इस पर्वत से जब भूस्खलन शुरू हुआ तो तीन से चार जोन में बोल्डर व मलबा गिरता था।
सबसे मुख्य भटवाड़ी रोड पर वर्तमान सब्जी मंडी के पास वाला क्षेत्र था। इसके बाद मस्जिद मोहल्ले सहित गोफियारा वाले क्षेत्र तक और तांबाखाणी रोड पर भी बोल्डर गिरते हैं। उस भूस्खलन में भटवाड़ी रोड के कई बहुमंजिला भवन जमीदोंज हो गए थे। तब एक बड़ी आबादी को खतरे वाली जगह से सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया था। अब करीब 21 साल बाद दोबारा से वरुणावत पर्वत से बोल्डर गिरने से लोग डर गए हैं।