Home उत्तराखण्ड मरणोपरांत सविता को तेनजिंग नोर्गे नेशनल एडवेंचर अवार्ड, राष्ट्रपति से सम्मान पाकर...

मरणोपरांत सविता को तेनजिंग नोर्गे नेशनल एडवेंचर अवार्ड, राष्ट्रपति से सम्मान पाकर माता-पिता भावुक

29
0
SHARE

मरणोपरांत सविता को तेनजिंग नोर्गे नेशनल एडवेंचर अवार्ड, राष्ट्रपति से सम्मान पाकर माता-पिता भावुकदिवंगत पर्वतारोही सविता कंसवाल के नाम कई उपलब्धियां है। चार अक्तूबर 2022 को उत्तरकाशी में द्रौपदी का डांडा चोटी के आरोहण के दौरान 29 सदस्यीय पर्वतारोही दल हिमस्खलन की चपेट में आ गया था। इसमें सविता भी बर्फ में दबकर हमेशा के लिए अपनों से दूर हो गई थी।

पर्वतारोहण के क्षेत्र में विशेष उपलब्धियां हासिल करने वाली दिवंगत पर्वतारोही सविता कंसवाल को मरणोपरांत तेनजिंग नोर्गे नेशनल एडवेंचर अवार्ड से नवाजा गया है। राष्ट्रपति भवन में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्व. सविता के पिता राधेश्याम कंसवाल को अवार्ड सौंपा। अवार्ड ग्रहण करने के लिए सविता की मां कमलेश्वरी देवी भी गईं थीं। अवार्ड देखकर सविता के माता-पिता भावुक हो गए।उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से 15 किमी दूर भटवाड़ी ब्लाॅक के ग्राम लौंथरू निवासी सविता का बचपन कठिनाइयों में गुजरा। सविता के पिता घर का गुजारा करने के लिए पंडिताई का काम करते हैं। चार बेटियों में सविता सबसे छोटी थी। अन्य तीन बहनों की शादी हो चुकी है।

ऐसा रहा सविता का सफर
किसी तरह पैसे जुटाकर सविता ने 2013 में नेहरू इंस्टीट्यूट आफ माउंटेनियरिंग से माउंटेनियरिंग में बेसिक और फिर एडवांस कोर्स किया। इसके लिए उसने देहरादून में नौकरी भी की। इसके बाद सविता कंसवाल ने 12 मई 2022 को माउंट एवरेस्ट 8,848.86 मीटर और इसके 16 दिन बाद 28 मई को माउंट मकालू पर्वत 8,463 मीटर पर सफल आरोहण किया था। 16 दिन के अंतराल में माउंट एवरेस्ट व माउंट मकालू का आरोहण करने वाली सविता देश की पहली महिला बनी थी