रजिस्ट्री फर्जीवाड़ा मामले में शिकायतें 150 पार, SIT को मार्च तक विस्तार; अतिरिक्त समय मिलने से जांच में आएगी तेजी
Dehradun Registry Fraud Case रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में एक तरफ पुलिस की कार्रवाई अंजाम तक पहुंच रही है और दूसरी तरफ शासन की एसआइटी जनता की शिकायतों पर जांच तेज करने में जुटी है। शासन की ओर से स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग के अंतर्गत गठित उच्च स्तरीय एसआइटी (विशेष जांच दल) को अब मार्च 2024 तक का सेवा विस्तार दे दिया गया है।रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में एक तरफ पुलिस की कार्रवाई अंजाम तक पहुंच रही है
और दूसरी तरफ शासन की एसआइटी जनता की शिकायतों पर जांच तेज करने में जुटी है। ताकि रजिस्ट्री फर्जीवाड़े और इससे संबंधित प्रकरण का कोई भी सिरा अछूता न रहे।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर की जा रही कार्रवाई में अधिकारी भी किसी तरह की ढील देने को तैयार नहीं हैं। यही कारण है कि शासन की ओर से स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग के अंतर्गत गठित उच्च स्तरीय एसआइटी (विशेष जांच दल) को अब मार्च 2024 तक का सेवा विस्तार दे दिया गया है।
इस एसआइटी के अध्यक्ष रिटायर्ड आइएएस अधिकारी सुरेंद्र सिंह रावत हैं और उनके अलावा दो सदस्य भी इसमें शामिल हैं। स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग के अंतर्गत इस तीन सदस्यीय एसआइटी का गठन 25 जुलाई 2023 को किया गया था। इसका गठन इसलिए किया गया था कि जनता के माध्यम से भी सीधे शिकायत प्राप्त कर जांच और अन्य कार्रवाई की जा सके। तब इसका कार्यकाल नवंबर 2023 तक तय किया गया था।
एसआइटी के गठन के समय से ही बड़ी संख्या में जमीन फर्जीवाड़े की शिकायतें पहुंचने लगी थीं। शिकायतों का सिलसिला जारी रहने के बाद जांच को विस्तार देने का निर्णय किया गया है। शासन के आदेश के मुताबिक, एसआइटी अब मार्च 2024 तक शिकायतें प्राप्त करेगी और उनका परीक्षण कर आवश्यक कार्रवाई की संस्तुति को जारी रखेगी।जमीन फर्जीवाड़े की 150 से अधिक शिकायतें
एसआइटी के अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह रावत के अनुसार, अब तक जमीन फर्जीवाड़े से संबंधित 150 से अधिक शिकायतें दर्ज की जा चुकी हैं। जो भी शिकायतें एसआइटी के पास आ रही हैं, उनका गहन परीक्षण किया जा रहा है जो शिकायतें उचित पाई जा रही हैं, उन्हें आवश्यकता के मुताबिक संबंधित तहसील/सब रजिस्ट्रार कार्यालय को भिजवाया जा रहा है। इस आधार पर विभिन्न प्रकरणों में मुकदमे भी दर्ज करवाए जा रहे हैं। वहीं, निराधार शिकायतों को निरस्त भी किया जा रहा है।
दोनों एसआइटी में समन्वय को नोडल अधिकारी
रजिस्ट्री फर्जीवाड़े के प्रकाश में आने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर एसआइटी का गठन किया गया था। इसमें पुलिस की एसआइटी अब तक विभिन्न मुकदमे दर्ज कर 18 आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है। साथ ही 13 आरोपितों के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल कर गैंगस्टर में भी मुकदमा दर्ज किया गया है।
पुलिस की एसआइटी अब शासन की ओर से गठित एसआइटी के साथ समन्वय बनाकर संस्तुति के आधार पर आगे भी मकदमे दर्ज करेगी। लिहाजा, दोनों एसआइटी के बीच बेहतर समन्वय बना रहे, इसके लिए शासन ने पुलिस की एसआइटी के अध्यक्ष पुलिस अधीक्षक यातायात सर्वेश पंवार को नोडल अधिकारी भी नामित किया है।अब एडीएम होंगे शासन की एसआइटी के सदस्य
उत्तराखंड शासन ने एसआइटी में आंशिक बदलाव भी किया है। सचिव वित्त दिलीप जावलकर के आदेश के मुताबिक, एसआइटी सदस्य पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआइजी) पी रेणुका देवी को इस दायित्व से मुक्त किया गया है। उनकी जगह अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व)/जिला निबंधक देहरादून को एसआइटी का सदस्य नामित किया गया है।
वर्तमान में अपर जिलाधिकारी (एडीएम) वित्त एवं राजस्व का दायित्व रामजी शरण शर्मा के पास है। इसके एक अन्य सदस्य स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग से अतुल कुमार यथावत कार्य कर रहे हैं।