दून की हवा हुई जहरीली,एक्यूआई 400 के पार
दिवाली पर पटाखों से हुए प्रदूषण ने तोड़े पिछले सभी रिकॉर्ड
24 घंटे में राजधानी में वायु प्रदूषण का एक्यूआई 268 तक बढ़ा
शहर में एक्यूआई को बहुत खराब श्रेणी में किया गया दर्ज
स्मार्ट सिटी के तहत शहर में लगाई गई है 50 डिजिटल स्क्रीन,
सभी स्क्रीन आटोमेटिक डिवाइस के जरिए वायु गुणवत्ता सूचकांक की देते हैं जानकारी
दून की हवा बन गई जहर: इस बार दिवाली पर पटाखों से हुए प्रदूषण ने तोड़ दिए पिछले रिकॉर्ड, एक्यूआई 400 के पार
दिवाली की रात आतिशबाजी से हुए धुएं ने एक्यूआई 400 के पार पहुंचा दिया। 24 घंटे में इस कदर वायु प्रदूषण बढ़ा कि एक्यूआई 268 बढ़ गया। स्मार्ट सिटी ने शहर में 50 डिजिटल स्क्रीन लगाए हैं, जो आटोमेटिक डिवाइस के जरिए वायु गुणवत्ता सूचकांक की जानकारी देते हैं।
राजधानी देहरादून में इस बार दिवाली पर पटाखों से हुए प्रदूषण ने पिछले रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। दून के कई क्षेत्रों में एक्यूआई का स्तर 400 के पार हो गया। शहर में एक्यूआई को बहुत खराब श्रेणी में दर्ज किया गया।
दिवाली से ठीक पहले शनिवार की रात दून में औसत एक्यूआई 132 दर्ज किया गया था। दिवाली की रात आतिशबाजी से हुए धुएं ने एक्यूआई 400 के पार पहुंचा दिया। 24 घंटे में इस कदर वायु प्रदूषण बढ़ा कि एक्यूआई 268 बढ़ गया।
स्मार्ट सिटी ने शहर में 50 डिजिटल स्क्रीन लगाए हैं, जो आटोमेटिक डिवाइस के जरिए वायु गुणवत्ता सूचकांक की जानकारी देते हैं। स्मार्ट सिटी कंट्रोल रूम की रिपोर्ट के अनुसार दून शहर में सबसे अधिक वायु प्रदूषण घंटाघर, रेसकोर्स रोड, ओएनजीसी चौक और तहसील चौक पर दर्ज किया गया।
दो साल पहले 348 पहुंचा था एक्यूआईI
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2021 में दीपावली पर हुई आतिशबाजी से एक्यूआई 300 के पार पहुंच गया था। घंटाघर क्षेत्र में तब 348 और नेहरू कालोनी में 327 एक्यूआई दर्ज किया गया था।
दून विवि और नेहरू कालोनी क्षेत्र में 272 रहा एक्यूआई
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नेहरू काॅलोनी और दून विवि क्षेत्र में एक्यूआई दर्शाने वाले डिजिटल स्क्रीन लगाए हुए हैं। इन स्क्रीन के अनुसार अधिकतम एक्यूआई 272 दर्ज किया गया। हालांकि मैनुअल स्टेशन से प्राप्त सैंपल का अध्ययन करने के बाद वास्तविक रिपोर्ट मंगलवार दोपहर तक आएगी।
एक्यूआई बढ़ने से फेफड़ों को पहुंचता है नुकसानI
वैज्ञानिकों के अनुसार, अगर एक्यूआई 50 तक है तो खुली हवा में सांस लेना सुरक्षित है। इससे ज्यादा होने का मतलब हवा में प्रदूषण है। एक्यूआई बढ़ने पर हवा में मौजूद सूक्ष्म कण सीधे सांस के जरिए शरीर में प्रवेश करते हैं और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं। यह कण सांस के अलावा त्वचा रोग, आंखों में जलन, पानी आना, खुजली, जैसी समस्या उत्पन्न करते हैं।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से लिए गए सैंपल की रिपोर्ट मंगलवार दोपहर तक आएगी। बोर्ड के डिजिटल स्क्रीन वाले क्षेत्रों में अधिकतम 272 एक्यूआई दर्ज किया गया है। विस्तृत रिपोर्ट आने पर अधिक जानकारी मिल पाएगी। -सुशांत पटनायक, सदस्य सचिव, उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्डI