सीओई में बीएमसी, रोबोटिक आर्म आदि उन्नत श्रेणी की मशीन स्थापित की गई है तथा प्रारंभ किए गए 20 प्रशिक्षार्थियों के प्रथम बैच हेतु प्रोडक्शन ऑटोमेशन तकनीक आदि में प्रशिक्षण की व्यवस्था भी सुनिश्चित की गई है। स्थापित किये जा रहे सीओई पॉलिटेक्निक तथा आईटीआई प्रशिक्षितों के लिये वर्तमान में उद्योगों के मांग के अनुरूप उद्योग रेडी (Industry Ready ) होने के लिये फिनिशिंग स्कूल के रूप में कार्य करेंगे। इस योजना के अंतर्गत आईटीआई, पॉलिटेक्निक अथवा इंजीनियरिंग कॉलेजेस के इच्छुक प्रशिक्षार्थियों को इस नवीनतम एवं विशिष्ट प्रकृति के तकनीकी मॉड्यूल्स मशीनिष्ट ऑटोमेशन, सीएनसी प्रोग्रामिंग आदि में 2 से 4 माह के प्रशिक्षण पश्चात् उन्हें उद्योगों के लिए तैयार किया जाएगा। सीआई में प्रशिक्षण के पश्चात् उद्योगों में नियोजित किये जाने वाले प्रशिक्षार्थियों को सामान्य रूप से देय भुगतान मानदेय में लगभग डेढ़ से दोगुना अधिक पारिश्रमिक प्राप्त हो सकेगा तथा तकनीकी प्रशिक्षण के कारण उनके करियर में ग्रोथ की संभावनाएं भी अधिक होगी।
इस अवसर पर यूकेडब्ल्यूडीपी परियोजना के अंतर्गत काशीपुर में स्नाईडर इलेक्ट्रिक के साथ स्थापित किए गए इलेक्ट्रिकल सेक्टर के सीईओ में प्रथम बैच का प्रशिक्षण पूर्ण कर चुके प्रशिक्षार्थियों में से 15 प्रशिक्षार्थियों को बेंगलुरु तथा दिल्ली में विभिन्न फर्मों द्वारा दिए गए नियोजन से सम्बन्धित नियुक्ति पत्र भी वितरित किए गए। यह उल्लेखनीय है कि इन 15 प्रशिक्षार्थियों को लगभग 18000 से 22000 तक का पारिश्रमिक प्रदान किया जा रहा है, जो की एक आईटीआई उतीर्ण छात्र के नियोजन के सामान्य पारिश्रमिक से लगभग दोगुना है। इन प्रशिक्षार्थियों द्वारा इलेक्ट्रिल से सम्बन्धित बिल्डिंग ऑटोमेशन तथा इंडस्ट्रीयल ऑटोमेशन के विशिष्ट मॉडयूल में प्रशिक्षण प्राप्त किया गया है।
इस अवसर पर मंत्री द्वारा कौशल विकास विभाग सहित तकनीकी शिक्षा व अन्य ऐसे युवाओं जो कि अपस्किलिंग के माध्यम से अपने नियोजन व मासिक मानदेय की स्थिति में सुधार करना चाहते हैं, का आह्वाहन किया गया कि इन स्थापित किया जा रहे को सीओई में विशेष व उन्नत प्रकार के विभिन्न मॉड्यूल में प्रशिक्षण प्राप्त कर इसका लाभ उठाएं तथा अपनी ग्रोथ की संभावनाओं को मूर्त रूप दें। उल्लेखनीय है कि सीओई के माध्यम से इस क्षेत्र में कार्य कर रही फर्मों को तुरंत विशिष्ट रूप से प्रशिक्षित कार्मिक भी उपलब्ध हो सकेंगे। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री द्वारा युवाओं के साथ-साथ मैसर्स फिलिप्स एडुकेशन कम्पनी के अधिकारियों से अपेक्षा की गई कि आने वाले समय में सीओई के माध्यम से कौशल संवर्धन प्राप्त कर सकेंगे तथा रोजगार प्राप्त करेंगे।
सचिव कौशल विकास एवं सेवायोजन द्वारा इस अवसर पर इस प्रकार की पार्टनरशिप के द्वारा प्रस्तावित अन्य प्रयासों के बारे में भी अवगत कराया गया, जिसमें सहसपुर का विस्तृत प्रस्ताव भी सम्मिलित है।