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खनन सामग्री मुहैया कराने की योजना पर काम शुरू, यूपी की तर्ज पर बनेगा मिनरल मार्ट का पोर्टल

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खनन सामग्री मुहैया कराने की योजना पर काम शुरू, यूपी की तर्ज पर बनेगा मिनरल मार्ट का पोर्टल के माध्यम से उपभोक्ता ऑनलाइन खनन सामग्री की डिमांड कर सकेंगे। इसके लिए एक साफ्टवेयर तैयार होगा। भूतत्व एवं खनिकर्म इकाई ने खनन कारोबार से जुड़े हितधारकों से सुझाव लेने शुरू कर दिए गए हैं। प्रदेश में घर और भवन बनाने के लिए उपभोक्ताओं को समय पर सस्ती खनन सामग्री उनके दरवाजे पर मुहैया कराने की योजना पर काम शुरू हो गया है।

एनआईसी और आईटीडीए के सहयोग से यूपी मिनरल मार्ट की तर्ज पर प्रदेश सरकार एक पोर्टल बनाएगी।इस पोर्टल के माध्यम से उपभोक्ता ऑनलाइन खनन सामग्री की डिमांड कर सकेंगे। इसके लिए एक साफ्टवेयर तैयार होगा। भूतत्व एवं खनिकर्म इकाई ने खनन कारोबार से जुड़े हितधारकों से सुझाव लेने शुरू कर दिए गए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आम लोगों को खनन सामग्री की उपलब्धता सहज बनाने की घोषणा की थी।

उन्होंने भूतत्व एवं खनिकर्म इकाई के अधिकारियों को इसके लिए एक पोर्टल तैयार करने के निर्देश दिए थे। उत्तर प्रदेश सरकार में यह व्यवस्था लागू हो चुकी है। वहां यूपी मिनरल मार्ट के नाम से पोर्टल काम कर रहा है। इसी तर्ज पर उत्तराखंड में भी पोर्टल बनाने की योजना है। इसके लिए एक साफ्टवेयर तैयार होगा।

हितधारकों से संवाद शुरू

इस योजना पर आगे बढ़ने के लिए सरकार ने खनन कारोबार से जुड़े हितधारकों से संवाद शुरू कर दिया है। भूतत्व एवं खनिकर्म इकाई के निदेशक एसएल पैट्रिक के मुताबिक, स्टोन क्रशर के संचालकों, भंडारकर्ताओं और परिवहनकर्ताओं के साथ एक दौर की वार्ता हो चुकी है। उन्होंने कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं। अभी एक बड़ी बैठक और होगी, जिसमें प्रदेश के सभी प्रमुख हितधारकों को आमंत्रित किया जाएगा।

पोर्टल पर ऐसी होगी व्यवस्था

वेब पोर्टल पर यह जानकारी होगी कि उपभोक्ता को खनिज के लिए कैसे आर्डर करना है। पोर्टल पर खनिज विक्रय स्थल और खनिज ट्रांसपोर्टरों का ब्योरा होगा। उपभोक्ता लॉगइन के जरिये ऑनलाइन ऑर्डर से लेकर भुगतान कर सकेगा। पोर्टल में ही खनन सामग्री और परिवहन की दरों का ब्योरा होगा।ऑनलाइन प्रक्रिया से लोगों को काफी सुविधा होगी। उन्हें पोर्टल से खनन सामग्री उनके घर के दरवाजे पर उपलब्ध हो जाएगी। इस योजना पर काम शुरू हो गया है। सबसे पहले हितधारकों के सुझाव लिए जा रहे हैं। सुझावों को शामिल करते हुए एक प्रभावी योजना तैयार होगी। – डॉ. पंकज पांडेय, सचिव, औद्योगिक विकास (खनन)