Home उत्तराखण्ड टिहरी झील का पानी पहुंचा धरनास्थल के नजदीक।

टिहरी झील का पानी पहुंचा धरनास्थल के नजदीक।

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देहरादून

लगातर हो रही तेज बारिश से भल्डगांव के ग्रामीण दहशत में है भल्डगांव के ग्रामीणों ने विस्थापन की मांग को लेकर 8 दिनों से गाँव के नीचे टिहरी डैम की झील के किनारे विस्थापन की मांग को लेकर धरने पर बैठे है,और टिहरी झील का जलस्तर दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है और टिहरी डैम की झील का पानी आज रात तक धरनास्थल पर पहुंच जाएगा,जिससे धरनास्थल पर बैठे ग्रामीणो की जान माल की सुरक्षा की समस्या उत्पन्न हो गई है।

वही सामाजिक कार्यकर्ता सागर भंडारी ने कहा कि 8 दिनों से विस्थापन की मांग को लेकर टिहरी झील के किनारे धरने पर बैठे हैं और शासन प्रशासन की तरफ से अभी तक विस्थापन के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई है और हमारी शासन प्रशासन को यही चेतावनी है कि शासन प्रशासन आज शाम तक विस्थापन से संबंधित जो भी कार्रवाई करते हैं तो ठीक है नहीं तो कल सुबह सभी ग्रामीण झील समाधि लेंगे।

ग्रामीणो ने यह मांग भी रखी है कि अगर गाव के सर्वे के लिए कमेटी बनाई जाती है तो उस कमेटी में टीएचडीसी के अधिकारियों व कर्मचारी नही होने चाहिए, जिला प्रशासन अलग से अपनी एक सर्वे कमेटी बनाये और उससे गाँव का सर्वे करवाये।

वही भल्डगांव के पूर्व प्रधान कमल सिंह के साथ साथ ग्रामीण महिलाओं ने कहा कि हमें धरना स्थल पर बैठे हुए 8 दिन हो गए हैं लेकिन अभीतक ना तो उत्तरकाशी के जिलाधिकारी और न ही पुनर्वास विभाग व टीएचडीसी के किसी भी अधिकारी ने हमारी मांगों नही सुनी,और ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि हम कल सुबह टिहरी झील में जल समाधि लेंगे जिसकी सारी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।

एशिया के सबसे बड़ी  टिहरी बांध की झील के कारण भल्डडगांव के ग्रामीण दहशत में हैं आपको बता दे कि आजकल लगातार हो रही बारिश से   टिहरी झील के बढ़ते जल स्तर के चलते भलडगांव के जमीन में भूस्खलन हो रहा है।

ग्रामीणों ने पुनर्वास विभाग और टिहरी बांध परियोजना के अधिकारियों पर नियमों की हिला वाली का आरोप लगाया  पुनर्वास विभाग  और टिहरी बांध परियोजना की लापरवाही के कारण भल्डगांव के ग्रामीणों का विस्थापन नहीं हो पा रहा है जबकि भल्डगांव की आदा से ज्यादा जमीन टिहरी झील में डूब गई लेकिन अब तक ग्रामीणों का विस्थापन नहीं हो पाया जबकि  ग्रामीण 20 सालों से विस्थापन की मांग करते  आ रहे हैं।

ग्रामीणों ने टिहरी बांध परियोजना के अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि टिहरी  बांध विशेषज्ञ सयुक्त समिति से स्थनीय विधायक को और जनप्रतिनिधियों को हटाया गया है जो सरासर गलत है  जबकि पहले स्थानीय विधायक व जन प्रतिनिधि इस समिति के सदस्य रहते थे जिससे टिहरी बांध परियोजना और पुनर्वास विभाग के अधिकारी ग्रामीणों के विस्थापन में मनमानी करने में लगे हैं।

टिहरी झील के बढ़ते जलस्तर के कारण भल्डडगांव के नीचे जमीन पर भूस्खलन हो रहा है और लगातार हो रही बारिश से भी मकानों में दरार पडने लगी हैं जिससे ग्रामीणों में दहशत बनी है।

वही जिलाधिकारी टिहरी का कहना है कि पुनर्वास बिभाग के अधिकारी और कर्मचारी भल्ड गाव के ग्रामीणो से वार्ता करने के लिए धरनास्थल पर भेज दिए है,ग्रामीणो को समझने का प्रयास किया जा रहा है।

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