देहरादून/उत्तरकाशी : नाबालिग लड़की को भगाने के बाद पुरोला में अभी स्थिति पूरी तरह से सामान्य नहीं हुई हैं। पुरोला में चौथे दिन भी मुस्लिम समुदाय के व्यापारियों की दुकानें नहीं खुली हैं। जबकि अन्य दुकानें मंगलवार को खुल गई हैं। पुरोला में मुस्लिम समुदाय के व्यक्तियों की 42 दुकानें हैं। शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए मंगलवार को उपजिलाधिकारी ने बैठक ली।जिसमें उन भवन स्वामियों को बुलाया गया, जिन्होंने मुस्लिम समुदाय के व्यक्तियों को दुकाने और कमरे दिए हैं। उपजिलाधिकारी देवानंद शर्मा ने थानाध्यक्ष को निर्देश दिए कि बाहरी व्यक्तियों का सत्यापन किया जाए। एसडीएम ने दुकान व भवन स्वामियों से कहा कि बिना सत्यापन के किसी भी बाहरी व्यक्ति को दुकानें व कमरे किराये पर न दें।बैठक में पुरोला के थाना निरीक्षक खजाना सिंह चौहान ने बताया कि अभी तक नगर पंचायत क्षेत्र में व्यवसाय करने वाले समुदाय विशेष के किसी भी व्यवसायी के साथ कोई अभ्रदा नहीं की गई ह,। न ही जबरन किसी व्यवसायी को भगाया गया। उन्होंने कहा कि भवन, दुकान स्वामियों को भी अपराधी किस्म के व्यक्तियों की सूचना पुलिस को देनी चाहिए। विस्तृत सत्यापन के बगैर किरायादार नहीं रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि नगर क्षेत्र में रेहड़ी, फेरी, रजाई रूई भरने, आइसक्रीम बेचने, नाई, पार्लर व फल-सब्जी विक्रेताओं का सत्यापन शुरू कर दिया गया है। बहार से आने वाले व्यक्तियों व व्यवसायियों की जांच पड़ताल शुरू कर दी गई है। बैठक में व्यापार मंडल अध्यक्ष बृजमोहन चौहान ने कहा कि आरोपितों की पहले ही व्यापार मंडल से सदस्यता समाप्त कर दी गई है।साथ ही समुदाय विशेष के किसी भी व्यवसायी को भगाया नहीं गया। हालांकि माहौल व स्थानीय निवासियों के आक्रोश के चलते उनकी कुछ दुकानें बंद हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य में अगर बहारी व्यक्ति पुरोला क्षेत्र में कोई अपराध करता है तो उसकी जिम्मेदारी भवन स्वामी की होगी। बैठक में बलदेब रावत, पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष प्यारेलाल हिमानी, अशोक कुमार लांबा, खजान सिंह पंवार, नायब तहसीलदार रविंद्र सिंह असवाल, अनुज चढ्ढा आदि मौजूद थे।