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कार्बेट टाइगर रिजर्व से लगे झड़गांव में बाघिन का शव बरामद होने से वन विभाग सकते में

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रामनगर: 

कार्बेट टाइगर रिजर्व (सीटीआर) से लगे झड़गांव में बाघिन का शव बरामद होने से वन विभाग सकते में आ गया है। बाघिन उसी जगह मरी मिली है जहां पर बीते बुधवार को कमलादेवी हिंसक वन्यजीव के हमले का शिकार हाे गई थी। हमलावर बाघ या गुलदार की गतिविधियों पर नजर रखने और जनसुक्षा के मद्देनजर की जा रही कांबिंग के दौरान वन कमिर्यों की नजर बाघिन पर पड़ी तो वह सतर्क हो गए। उसे नींद में समझ कर उसके ऊपर से ड्रोन उड़ाए गए। मगर जब बाघिन के शरीर में कोई हरकत में न हुई तो उसे वाहन में रख विभागीय गश्ती दल तुरत फुरत रामनगर रवाना हो गया। अलबत्ता वन कर्मियों ने उसके मादा होन का खुलासा जरूर किया। बाघिन का एक कैनाइन दांत टूटा हुआ है। शुरूआती जांच में शेष अंग सुरक्षित बताए जा रहे हैं। विभाग ने फिलहाल शिकार के कयासों से इनकार किया है।
बीते बुधवार को सीटीआर से लगे सल्ट ब्लाक के बफरजोन झडगांव निवासी यशवंत सिंह की पत्नी कमलादेवी को हिंसक वन्यजीव मार गिराया था। दूसरे दिन बाघ प्रभावित गांवों के आक्राशित लोगों ने महिला का शव पौडी हाईवे पर रख मरचूला में जाम लगा दिया था। छह घंटे हंगामा हंगामा चला था। शाम को पुलिस प्रशासन ने शव उठवा कर जैसे तैसे जाम खुलवाया।
इधर एसडीओ रानीखेत जगमोहन सिंह रावत की अगुआई में मोहान व जौरासी रेंज के 20 वन कर्मियों की दो टीमें गठित कर कांबिंग तेज कर दी गई थी। हिंसक बाघ या गुलदार की गतिविधियाें पर नजर रखने के लिए चार ट्रैप कैमरे लगा दिए गए थे। शनिवार को झड़गांव में घटनास्थल के पास ही जंगल में बाघिन का शव दिखने से हडकंप मच गया। हालांकि पहले गश्ती दल के वन कर्मियों ने बाघिन को जिंदा समझ ड्रोन कैमरे से उसके पैंतरे को भापने का प्रयास किया। मगर जब वह हिलीडुली नहीं तो साहस जुटाकर वन कर्मी करीब गए और मृत होने की पुष्टि होने पर बाघिन का शव वाहन में रख कार्बेट टाइगर रिजर्व रामनगर रवाना हो गए।

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