देहरादून:
देहरादून-दिल्ली रूट पर रोडवेज से सफर सुहाना और आरामदायक होने वाला है। इस रूट पर इलेक्ट्रिक बसें दौड़ती नजर आएंगी। इसके लिए सरकार के निर्देश के बाद परिवहन निगम पायलट प्रोजेक्ट जल्द शुरू करने जा रहा है। इसके लिए मुंबई की कंपनी को जिम्मेदारी दी गई है।
रोडवेज ने इस कंपनी को पांच बसें चलाने की परमीशन दे दी है। प्रोजेक्ट के पहले चरण में तीन महीने का ट्रायल होगा। ट्रायल सफल रहा तो रोडवेज इस रूट पर अनुबंध के आधार पर केवल इलेक्ट्रिक बसें संचालित होंगी। इन बसों पर रोडवेज अपना कंडक्टर तैनात करेगी।
दिल्ली-NCR में प्रदूषण कम करने के लिए दिल्ली सरकार डीजल से चलने वाले पुरानी बसों की एंट्री कभी भी बंद कर सकती है। दिल्ली सरकार इसको लेकर उत्तराखंड सरकार को पत्र भी लिख चुकी है। फिलहाल रोडवेज की बसें इस शर्त पर दिल्ली जा पा रही हैं कि उनकी उम्र 6 साल है। निर्धारित 8 साल की उम्र पूरी करते ही इन बसों की दिल्ली में नो-एंट्री हो जाएगी।
रोडवेज ने तीन महीने पहले दिल्ली रूट पर अनुबंध पर CNG बसें चलाने के लिए टेंडर किए, लेकिन बहुत कम वाहन स्वामी बसें चलाने को आगे आए। 141 बसों के लिए हुए टेंडर में वाहन स्वामी सिर्फ 40 बसें रोडवेज को देने के लिए आगे आए। यह बसें भी अभी तक रोडवेज को नहीं मिल पाई हैं।
ट्रायल के तौर पर चलने वाली कंपनी की इलेक्ट्रिक बसों में रोडवेज का ही कंडक्टर रहेगा। कंपनी रोडवेज को पांच रुपये प्रति किमी के हिसाब से भुगतान करेगी। इसका किराया रोडवेज की वॉल्वो बस के बराबर होगा। इसके साथ ही यात्री बस की बुकिंग रोडवेज की वेबसाइट पर भी होगी। इसकी समयसारिणी भी रोडवेज की ओर से तय की जाएगी।