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गंगा की लहरों में लोगों की जिंदगी दांव पर लगाकर उनको अंधेरे में कराई जा रही राफ्टिंग ।

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योगनगरी ऋषिकेश में साहसिक खेलों का खूब क्रेज है। दूर-दूर से ऋषिकेश में युवा अपने दोस्तों और परिवार के साथ में Rishikesh Rafting बंजी जंपिंग इत्यादि साहसिक गतिविधियां करने आते हैं। खासकर कि युवाओं के बीच राफ्टिंग का बड़ा क्रेज है और राफ्टिंग व्यवसायियों का व्यापार भी अच्छा खासा बढ़ रहा है।

क्या आप यह जानते हैं कि ऋषिकेश में राफ्टिंग व्यवसाई अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में लोगों की जान खतरे में डाल रहे हैं। जी हां, गंगा की लहरों में लोगों की जिंदगी दांव पर लगाकर उनको अंधेरे में राफ्टिंग कराई जा रही है। खुलेआम नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। नियम के अनुसार सूरज ढलने के बाद कोई भी पर्यटकों को राफ्टिंग नहीं करा सकता।

मगर ऋषिकेश में तो कुछ और ही नज़ारा देखने को मिल रहा है। यहां पर अंधेरे में भी गंगा की उफनती हुई लहरों के बीच में पर्यटकों को राफ्टिंग कराई जा रही है। इससे पर्यटकों की जान के ऊपर एक बड़ा खतरा मंडरा रहा है। इसी कड़ी में नियमों को ताक पर रखकर दिन ढलने के बाद राफ्टिंग करा रहे दो संचालकों पर मुनिकी रेती पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है।

पुलिस ने संचालकों के खिलाफ चालानी कार्रवाई कर दो राफ्टों को कब्जे में लेकर सीज कर दिया है। मुनिकी रेती थाना पुलिस के मुताबिक, लंबे समय से शाम के अंधेरे में राफ्टिंग करवाने की शिकायतें सामने आ रही थीं।

ऐसे में पुलिस ने ऐसे राफ्ट संचालकों के ऊपर कड़ी कार्यवाही करने का निर्णय लिया। इसी कड़ी में बीते शनिवार को ऋषिकेश में शाम को पुलिस ने नियम तोड़ने वाले राफ्टिंग संचालकों के खिलाफ अभियान चलाया। इस दौरान दिन ढलने के बाद राफ्टिंग करा रहे दो संचालकों को पुलिस ने मुनिकी रेती गंगा घाट पर पकड़ लिया। तत्काल एक्शन लेते हुए मुनिकी रेती थाना प्रभारी निरीक्षक रितेश शाह ने दोनों संचालकों के खिलाफ सबसे पहले फटकार लगाते हुए चालान काटने की कार्रवाई की।

राफ्टिंग के गुरप्रभारी निरीक्षक रितेश शाह ने बताया कि नियम तोड़ने वालों को बिल्कुल भी बख्शा नहीं जाएगा। हल्की सी लापरवाही पर्यटकों की जान पर भारी पड़ सकती है। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि ऐसा पहली बार नहीं है कि ऋषिकेश में राफ्टिंग संचालक इस तरह के नियम तोड़ चुके हैं। पहले भी राफ्टिंग संचालकों को इस संबंध में बैठक कर सचेत किया जा चुका है कि किसी भी तरीके से ओवरलोड राफ्टिंग न कराएं, दिन ढलने के बाद गंगा में राफ्टिंग न करें। यह राफ्टिंग गाइड और पर्यटकों की जान के साथ बड़ा खिलवाड़ है।

अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर दिन ढलने के बाद राफ्टिंग कराना सेफ क्यों नहीं है। तो आपको बताते चलें कि गंगा में आए दिन लोगों की डूबने से जान जा रही है। राफ्टिंग के दौरान कई बार पर्यटक नदी में पलट जाते हैं और अगर रात में ऐसा कुछ हादसा होता है तो पर्यटकों को ढूंढना एसडीआरएफ के लिए मुश्किल साबित होता है और रात में कोई भी रेस्क्यू ऑपरेशन नहीं चला सकता है। इसीलिए केवल दोपहर के उजाले तक ही राफ्टिंग की परमिशन ऋषिकेश में दी गई है और रात के अंधेरे में राफ्टिंग कराने पर प्रतिबंध लगाया गया है।

चलिए आपको बताते हैं कि राफ्टिंग के लिए कौन से सुरक्षा मानक तय किए गए हैं। पहला तो यह कि राफ्ट में केवल 8 पर्यटक को ही राफ्टिंग करने की अनुमति दी गई है। एक राफ्ट में पर्यटकों के साथ एक गाइड और एक हेल्पर अनिवार्य है। गाइड हेल्पर और अन्य सभी पर्यटकों को सुरक्षा उपकरण हेलमेट और लाइफ जैकेट पहनना अनिवार्य है। नदी में उतरने से पहले सभी पर्यटकों का लाइफ जैकेट को मजबूती से बांधना और फिर उसकी जांच करना भी अनिवार्य है। इसी के साथ में सूर्योदय और सूर्यास्त के बाद भी Rishikesh Rafting करना नियमों के खिलाफ है।

 

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