(दीपक भारद्वाज सितारगंज)
सितारगंज। खेत से 200 घन मीटर मिट्टी के खुदान की अनुमति लेकर नदी के किनारे से चार हजार घन मीटर मिट्टी के खुदान का मामला प्रकाष में आया है। यह खुलासा प्रषासन की जांच में हुआ है। एसडीएम व तहसीलदार ने जांच रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद कार्यवाही की बात कही है।
ग्राम चीकाघाट निवासी जीवन्ती देवी पत्नी जसवंत सिंह ने उप जिलाधिकारी से अपने खाता संख्या 26, खसरा नंबर 136/2/1 रकबा 0.771 हैक्टेअर भूमि में से दो सौ घन मीटर मिट्टी खनन की अनुमति मांगी। यह मिट्टी बिज्टी चौराहे के पास सुखदेव सिंह के प्लाट में डाली जानी थी। इसके लिए उसने पांच हजार आवेदन षुल्क, रायल्टी की धनराषि 25740 रुपये, जिला खनिज फाउंडेषन के खाते में 2200 रुपये कुल 32940 रुपये भी जमा किये। इस पर षर्तों पर उसे मिट्टी के खनन की अनुमति दे दी गई। खनन में दो ट्रैक्टर ट्राली व एक जेसीबी का प्रयोग होना था। अन्य बातों के साथ ही यह भी षर्त थी कि स्वीकृत क्षेत्र से बाहर खनन नहीं किया जायेगा।
यहां तक तो ठीक था लेकिन प्रषासन को षिकायत से पता चला कि खेत से मिट्टी का खनन किया ही नहीं गया। जहां से मिट्टी लाई गई वहां कई जेसीबी व ढुलान को वाहन लगाये गये। इस पर प्रषासन ने मामले की जांच कराई। कानूनगो मोईनुद्दीन, राजस्व निरीक्षक अनिल षर्मा, पटवारी अनंत षर्मा, षेखर आर्य ने मामले की जांच की तो पता चला कि मिट्टी खेत से न उठाकर कैलाष नदी के किनारे से खोदकर ढोई गई। इतना ही नहीं दो सौ घन मीटर के बजाय 4000 घन मीटर मिट्टी उठाई गई। इससे सरकार को लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ। उप जिलाधिकारी तुशार सैनी व तहसीलदार सुरेष चंद्र बुधलाकोटी का कहना है कि जांच रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जायेगी। एसडीएम ने कहा कि अवैध खनन किसी भी दषा में बर्दास्त नहीं किया जायेगा।