पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के ड्रीम प्रोजेक्ट सूर्यधार झील निर्माण में वित्तीय गोलमाल और नियमों के उल्लंघन के मामले में सरकार ने कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है। सूत्रों के अनुसार झील निर्माण से जुड़े छह इंजीनियरों को चार्जशीट दी जा रही है। सूर्यधार झील के निर्माण की प्राथमिक जांच में अनियमितताओं की पुष्टि हो चुकी है
दूसरी तरफ, हरिद्वार में सिंचाई विभाग की परियोजनाओं में घपले के चर्चित मामले में सरकार ने दो अधीक्षण अभियंता समेत 11 कार्मिकों को चार्जशीट दे चुका है। आरेाप है कि 58.68 करोड़ की सात परियोजनाओं में न तो नियमों का ही पालन किया गया और निर्माण की गुणवत्ता को भी ताक पर रख दिया गया।
दूसरी तरफ, हरिद्वार में सिंचाई विभाग की परियोजनाओं में घपले के चर्चित मामले में सरकार ने दो अधीक्षण अभियंता समेत 11 कार्मिकों को चार्जशीट दे चुका है। आरेाप है कि 58.68 करोड़ की सात परियोजनाओं में न तो नियमों का ही पालन किया गया और निर्माण की गुणवत्ता को भी ताक पर रख दिया गया।
ट्रायल में ही बह गई एक नहर का तो अधिकारियों ने हकीकत छिपाते हुए पीएम नरेंद्र मोदी से ऑनलाइन लोकार्पण तक करवा दिया था। सिंचाई सचिव हरिश्चंद सेमवाल के निर्देश पर इस मामले की जांच की गई थी। सू्त्रों के अनुसार चार्जशीट पाने वाले इंजीनियरों में एक कुछ समय पहले रिटायर हो चुके हैं।
सूर्यधार में ये मिली अनियमितताएं
’ तय बजट से 12 करोड़ रुपये अधिक का खर्च किए गए ’ कार्यों की दरों में विसंगतियां ’ डीपीआर बनाने वाली कंपनी को 27 लाख रुपये का गलत भुगतान किया ’ झील की डीपीआर त्रुटिपूर्ण ’ तकनीकी परीक्षण में लापरवाही ’ बैराज की ऊंचाई बढ़ाने को अनुमति नहीं ली ’ तकनीकी सलाहकार की नियुक्ति मनमाने तरीके से कर दी।