टिहरी जिला कोषागार के जिन 2 लेखाकारों के गायब होने के बाद जो गबन की आशंका जताई जा रही थी, वह सच साबित हो गई है। कर्मचारियों के लापता होने के बाद शुरू की गई जांच में अभी तक दो करोड़ 21 लाख 23 हजार 150 रुपये की गड़बड़ी पकड़ में आ चुकी है।
जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि यह घपला लंबे समय से चल रहा था, घोटाले का खुलासा तब हुआ जब नैनीताल कोषागार में गड़बड़ी सामने आने पर पेंशन एवं हकदारी निदेशालय ने टिहरी कोषागार को भी जांच कराने के निर्देश दिए।
टिहरी जिला कोषागार में जांच आने पर पेंशन प्रकरण देख रहे कैशियर जयप्रकाश शाह और यशपाल सिंह नेगी 25 दिसंबर को अचानक गायब हो गए। उनका पता नहीं चलने पर उनके परिजनों ने पुलिस में उनकी गुमशुदगी दर्ज कराई थी।
जिसके बाद टिहरी में सहायक कोषाधिकारी अरविंद सिंह चौहान ने दोनों कर्मचारियों पर 2 करोड़ 21 लाख 23 हजार 150 रुपये का गबन का आरोप लगाते हुए, 29 दिसंबर को पुलिस को तहरीर दी।
टिहरी गढ़वाल के SSP नवनीत सिंह भुल्लर ने बताया कि तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की गई है। नामजद चारों लोगों के खाते भी सील कर दिए गए हैं। गायब कर्मचारियों की एक कार ऋषिकेश में बरामद कर ली गई है। कार में कोषागार की 103 फाइलें भी मिली हैं।
जांच के दौरान कैशियर जयप्रकाश शाह के बैंक खाते में 1 करोड़ 35 लाख 46 हजार रु और कैशियर यशपाल सिंह नेगी के खाते में 33 लाख तीन हजार रुपये पाए गए हैं।
जांच में पता चला है कि आरोपियों ने पेंशन का पैसा हड़प कर सुरेंद्र सिंह पंवार पता अज्ञात के बैंक खाते में 10 लाख 77 हजार रु और मनोज कुमार पता अज्ञात के बैंक खाते में 42 लाख रु अलग-अलग समय पर जमा कराए हैं। पुलिस इन दोनों की तलाश में भी जुटी हुई है।
जानकारी के अनुसार गायब चल रहे दोनों लेखाकारों ने अंतिम बार ऋषिकेेेेश में एटीएम से 30 हजार रुपये निकाले थे। उसके बाद से दोनों के मोबाइल फोन बंद चल रहे हैं।
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