उत्तराखंड कांग्रेस में इन दिनों कुछ ठीक ठाक नजर नहीं आ रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत के एक ट्वीट के बाद से ही प्रदेश कांग्रेस समेत कांग्रेस आलाकमान में हड़कंप मचा हुआ है। दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपने ही नेताओं पर तमाम आरोप लगा है। मामले की गंभीरता को देखते हुए पार्टी आलाकमान ने प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह समेत पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को दिल्ली में तलब दिया है। जिसके तहत कल 10 बजे दिल्ली में पार्टी आलाकमान इन सभी वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक करेगा।
क्योकि, उत्तराखंड में पिछले 48 घंटों के दौरान हरीश रावत ने जिस तरह एक के बाद एक ट्वीट करके राजनीतिक घटनाक्रम को गरमा दिया है, उसने पार्टी हाईकमान को असहज जरूर कर दिया होगा। वैसे हरीश रावत का पार्टी हाईकमान पर प्रेशर पॉलिटिक्स करने का यह कोई पहला मामला नहीं है। बल्कि इससे पहले भी हरीश रावत समय-समय पर अपनी आवाज को बुलंद करते हुए आलाकमान पर दबाव बनाते रहे हैं। उत्तराखंड राज्य में चुनावी सरगर्मियां शुरू होने के दौरान ही हरदा ने मुख्यमंत्री चेहरा घोषित करने का दबाव बनाया था लेकिन ऐसा ना हो सका।
गौर हो कि उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 से पहले कांग्रेस के दिग्गज नेता हरीश रावत नाराज हो गए हैं। लेकिन हरीश रावत की राजनीति कई बार कांग्रेस के लिए भारी पड़ती भी दिखाई देती है। पार्टी हाईकमान समय-समय पर हरीश रावत के राजनीतिक स्टंट का शिकार हो जाते हैं। मौजूदा समय में भी कुछ इसी तरह की स्थिति दिखाई दे रही है। दरअसल, हरीश रावत ने पार्टी नेताओं पर गंभीर आरोप लगाते हुए चुनाव में सहयोग नहीं करने की बात कही है। सोशल अकाउंट पर अपने ट्वीट को लेकर चर्चाओं में आए हरीश रावत ने उत्तराखंड की राजनीति को तब और भी गर्म कर दिया जब उन्होंने क्षेत्रीय दल यूकेडी के नेताओं से मुलाकात की।
कुल मिलाकर हरदा अपनी साख को बचाने और पार्टी में अपने आपको पूर्ण रूप से स्थापित किए जाने को लेकर समय-समय पर सीगुफा छोड़ते रहे हैं। और आलाकमान को इस बाबत एक बड़ा संदेश देते रहे हैं कि अगर उत्तराखंड राज्य में कांग्रेस को सत्ता में लाना है तो बिना हरदा के कांग्रेस सत्ता में नहीं आ सकती। प्रदेश में वर्तमान स्थिति भी यही है की कांग्रेस पार्टी के सबसे वरिष्ठ नेताओं में शुमार हरीश रावत ही एक ऐसा चेहरा है जो भाजपा को सीधे तौर पर टक्कर दे सकता है। जिसका हरीश रावत समय-समय पर फायदा उठाते हुए आलाकमान पर भी दबाव बनाते रहे हैं।