Home उत्तराखण्ड पेयजल सचिव पर भ्रामक पत्र भेजने का आरोप

पेयजल सचिव पर भ्रामक पत्र भेजने का आरोप

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स्थान सितारगंज
रिपोर्टर दीपक भारद्वाज

ग्राम प्रधान संगठन के प्रदेष अध्यक्ष एवं प्रधान बिडौरा भाश्कर सम्मल ने पेयजल विभाग पर उच्च न्यायालय के आदेष के क्रम में भेजे गये पत्र के मामले में गुमराह करने आरोप लगाया है। उनका आरोप है कि जल जीवन मिषन के मामले में दायर की गई रिट पर हाई कोर्ट ने जो निर्देष दिया है उस मामले में विभाग गलत तथ्य पेष कर भ्रामक पत्र भेज रहा है।
ग्राम प्रधान सम्मल व ग्राम प्रधान कुन्यारी हुकुम सिंह ने उच्च न्यायालय में जल जीवन मिषन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में एक रुपये में पेयजल संयोजन देने की योजना का काम ठेकेदार से न कराकर ग्राम पंचायतों के माध्यम से कराने के संबंध में उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। इस मामले को उच्च न्यायालय ने 16 अक्टूबर को मामले को यह निर्देष देते हुये अंतिम रूप से निस्तारित कर दिया कि याची 19 अक्टूबर तक नया प्रत्यावेदन सचिव पेयजल उत्तराखंड षासन को प्रेशित करें। जब यह प्रत्यावेदन प्राप्त हो उसके चार सप्ताह के भीतर सचिव पेयजल मामले का निस्तारण करें। इधर सचिव पेयजल ने अपने 28 अक्टूबर के पत्र में सम्मल से कहा कि 12 दिन बीत जाने के बाद भी उन्होंने प्रत्यावेदन नहीं दिया है।
इस पर सम्मल ने सचिव पेयजल को भेजे पत्र में कहा कि वह इस मामले में गलत तथ्यों के साथ भ्रामक पत्र भेज रहे है। उनके अवर अभियंता सितारगंज उनका पत्र प्राप्त नहीं करना चाह रहे। वह सचिव पेयजल को 19 अक्टूबर को रजिस्टर्ड डाक से पत्र भेज चुके है। जो 21 अक्टूबर को प्राप्त हो चुका है। सम्मल का आरोप था कि जनहित के कार्यों की अनदेखी कर अनर्गल व अनैतिक पत्राचार कर कार्यवाही को लंबा खींचा जा रहा है। इससे उच्च न्यायालय को अवगत कराया जायेगा।

 

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