स्थान- खटीमा-उधम सिंह नगर।
रिपोर्ट- दीपक भारद्वाज
खटीमा बाल विकास कार्यालय में कार्यरत आंगनबाड़ी सुपरवाइजर सुषमा जौहरी द्वारा बाल विकास परियोजना अधिकारी पर मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए आमरण अनशन शुरू कर दिया है। आमरण अनशन पर बैठने वाली आंगनबाड़ी सुपरवाइजर का कहना है कि खटीमा बाल विकास कार्यालय की प्रभारी सीडीपीओ मंजुलता यादव द्वारा बेवजह उनका मानसिक उत्पीड़न किया जा रहा है। उनके वहां लगातार आंगनबाड़ी में पोषक आहार का वितरण लगातार सीडीपीओ के आदेशानुसार समूह के माध्यम से लिया जा रहा है।उसके बावजूद भी बाल विकास परियोजना अधिकारी मंजुलता यादव ने उनसे कहा कि उनके द्वारा आंगनबाड़ी कार्यक्रतियों को कहा गया कि टीएचआर का सामान समूह से ना लेकर दुकान से लो।जबकि लगातार सभी आंगनबाड़ी वर्कर अपने केंद्रों का पोषक आहार समूह के माध्यम से ही ले रही है। इसी बात पर सीडीपीओ द्वारा उनका वेतन रोकने व सात माह बाद रिटायरमेंट तक ना दिए जाने की चेतावनी जारी कर उनका मानसिक उत्पीड़न किया जा रहा है। जबकि वह 37 सालों से पूरी कर्मठता के साथ विभागीय कार्य कर रही है।इसलिए आज उन्हें अपनी सीडीपीओ के उत्पीड़न के खिलाफ आमरण अनशन पर बैठने को मजबूर होना पड़ रहा है।जबकि इस मामले में जब हमारी बात जिला कार्यक्रम अधिकारी उदय प्रताप सिंह से हुई तो उन्होंने कहा कि उनके माध्यम से उनके संज्ञान में यह प्रकरण आया है। नियमानुसार बाल विकास परियोजना अधिकारी किसी विषय को लेकर कर्मचारी को कारण बताओ नोटिस जारी कर सकती है।उसे उस नोटिस का जवाब देना होता है। अगर कोई विषय को लेकर कर्मचारी संतुष्ट नही था तो उसको उस प्रकरण पर अपने उच्च अधिकारियों से वार्ता करनी चाहिए ना कि कोविड 19 नियमावली का उलंघन कर धरना का प्रदर्शन करना चाहिए। इस वक्त कर्मचारी का धरने पर बैठना गलत है इसलिए वह इस मामले का संज्ञान ले बाल विकास परियोजना अधिकारी से इस विषय पर वार्ता करेंगे।
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