जोशीमठ में कार्यरत जल विद्युत परियोजना एनटीपीसी के द्वारा प्रवाहित गांव रविग्राम के पुश्तैनी रास्ते को रोके जाने के बाद स्थानीय ग्रामीणों ने विरोध जताया है रविग्राम के लोगों का आरोप है कि पूर्व में जल विद्युत परियोजना एनटीपीसी के द्वारा जब उनकी जमीन अधिकृत की गई तो उनको पुश्तैनी रास्ता देने की बात कही गई थी लेकिन वर्तमान में परियोजना अपने तानाशाही रवैए पर उतर आई है और ग्रामीणों के पुश्तैनी मार्ग को रोक रही है रविग्राम के स्थानीय निवासी प्रवेश डिमरी का कहना है कि परियोजना के द्वारा करोना संक्रमण के दौरान जहां पूरे देश में फिजिकल डिस्टेंस बनाया गया था तो वहीं जल विद्युत परियोजना के द्वारा धड़ल्ले से सड़क निर्माण का कार्य किया गया इसके अलावा जब भी ग्रामीणों ने इस और आवाज उठाने की कोशिश की तो अपने निजी सुरक्षा कर्मियों को भेजकर स्थानीय ग्रामीणों की आवाज को दबाने का काम परियोजना के द्वारा किया गया वहीं इस पूरे मामले में भास्कर डिमरी का कहना है कि अगर जल विद्युत परियोजना के द्वारा पुश्तैनी रास्ते को रोका जाता है तो मामले में जिला अधिकारी और पुलिस प्रशासन से शिकायत कर के मामले को सुलझाने का प्रयास करेंगे और अगर उनकी नहीं सुनी जाती है तो वे उग्र आंदोलन भी कर सकते हैं रविग्राम के सभासद समीर डिमरी ने बताया कि पूर्व में इस पूरे मामले को लेकर उन्होंने जिला अधिकारी के सम्मुख भी जनता दरबार में अपनी बात रखी और कंपनी ने उनको आश्वासन दिया कि ग्रामीणों के हित में पुश्तैनी रास्ते को नहीं रोका जाएगा लेकिन वर्तमान समय में एक बार फिर से परियोजना के अधिकारी और निजी सुरक्षाकर्मी हथियार के दम पर पुश्तैनी रास्ते को रोकने का प्रयास कर रहे हैं