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बद्रीविशाल के कपाट खोलने की प्रक्रिया शुरू

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रावल जी ,शंकराचार्य जी की गद्दी बद्रीनाथ धाम के लिए रवाना
बुधवार को रात्रि विश्राम पांडुकेश्वर में करेगी शंकराचार्य जी की गद्दी
14 मई को प्रातः काल मैं पूजा पाठ के बाद कुबेर जी और उद्धव जी की डोली बद्रीनाथ धाम के लिए होगी रवाना
15 मई को ब्रह्म मुहूर्त में खुलेंगे बद्री विशाल के कपाट

बद्री विशाल भगवान के तेल कलश और शंकराचार्य जी की पावन गद्दी के साथ बद्रीनाथ धाम के रावल जोशीमठ के नरसिंह मंदिर से योग ध्यान मंदिर पांडुकेश्वर के लिए रवाना हो गए आज रात्रि विश्राम योगदान मंदिर में करने के बाद 14 मई को प्रातः काल में पूजा अर्चना के बाद उद्धव जी और कुबेर जी की डोली के साथ शंकराचार्य जी की पावन गद्दी बद्री विशाल के तेल कलश, बद्रीनाथ धाम के मुख्य पुजारी रावल जी बद्रीनाथ धाम के लिए रवाना होंगे

जहां 15 मई को सुबह ब्रह्म मुहूर्त में ठीक 4:30 मिनट पर भगवान बद्रीविशाल के कपाट ग्रीष्म काल के लिए खोल दिए जाएंगे आज से भगवान बद्रीविशाल के कपाट खोलने की प्रक्रिया का शुभारंभ हो चुका है।

इससे पहले 13 मई को जोशीमठ नरसिंह मंदिर में आदि गुरु शंकराचार्य जी की पावन गद्दी की पूजा अर्चना लक्ष्मी मंदिर के सम्मुख की गई शंकराचार्य जी की पावन गद्दी को रंग बिरंगे फूलों से सजाया गया और भक्तों के दर्शनों के लिए रखा गया ग्रीन जोन होने के बावजूद स्थानीय लोग पावन गद्दी के दर्शन के लिए नरसिंह मंदिर पहुंचे इस दौरान स्थानीय महिलाओं ने भगवान बद्रीविशाल के भजन गाकर गद्दी को बद्रीनाथ धाम के लिए रवाना किया गणेश पूजा, विष्णु सहस्त्रनाम पाठ ,और लक्ष्मी जी के पाठ के बाद शंकराचार्य जी की पावन गद्दी को हक हकूक धारियों ने बद्रीनाथ धाम के लिए रवाना किया।
इस अवसर पर बद्रीनाथ धाम के मुख्य पुजारी रावल जी ,धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल , अपर
धर्माधिकारी सत्यप्रकाश चमोला आदि ने पूजा अर्चना में भाग लेकर भगवान की वंदना की मान्यता है कि जोशीमठ से ही भगवान शंकराचार्य जी की गद्दी के साथ रावल जी पौराणिक काल से बद्रीनाथ धाम के लिए रवाना होते हैं
बद्रीनाथ धाम के धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल ने बताया कि इस बार जिस तरीके से पूरे क्षेत्र में शांति फैली है और शांति में ही भगवान बद्रीविशाल के कपाट खोल रहे हैं उन्होंने भगवान बद्रीविशाल से प्रार्थना की है कि आने वाले कुछ समय में कोरोनावायरस काम होगा तो भगवान बद्रीविशाल अपने भक्तों को दर्शन अवश्य देंगे

वहीं इस बार ब्रह्म कपाल में तर्पण करने वाले तीर्थयात्री नहीं पहुंच पाएंगे लेकिन कोरोना वायरस से देश और दुनिया में मारे गए लोगों की आत्मा शांति के लिए बद्रीनाथ धाम पहुंचकर हवन और पूजा पाठ करेंगे हालांकि सीमित लोगों को ही बद्रीनाथ धाम पहुंचने की अनुमति दी गई है।

शंकराचार्य जी की पावन गद्दी और रावल जी आज भगवान बद्रीविशाल के लिए रवाना हो चुके हैं योग ज्ञान मंदिर में रात्रि विश्राम के बाद शंकराचार्य जी की गद्दी और उद्धव जी कुबेर जी की डोली बद्रीनाथ धाम के लिए रवाना होगी और 15 मई को भगवान बद्रीविशाल के कपाट ग्रीष्म काल के लिए खोल दिए जाएंगे

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