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गैरसैण बनी ग्रीष्मकालीन राजधानी, चमोली में खुशी

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चमोली जनपद उत्तराखंड का सबसे सीमांत जनपद है लेकिन उत्तराखंड की भाजपा सरकार ने चमोली जनपद में ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाकर चमोली जनपद को 20 साल बाद बड़ी सौगात दी है जिसके बाद पूरे जनपद चमोली में खुशी की लहर दौड़ चुकी है सरकार को चारों तरफ से वाहवाही मिल रही है

गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने से सबसे अधिक खुशी तो राज्य आंदोलनकारियों के चेहरे पर है उनका कहना है कि जो सपना उन्होंने देखा था आज वह सपना पूरा हो चुका है राज्य आंदोलनकारियों ने उत्तराखंड को उत्तर प्रदेश से अलग करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और उस दौरान गैरसैंण को राजधानी बनाने की मांग की थी
गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने पर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं में एक नया जोश आ गया है जनता के बीच में इस मुद्दे को ले जाने का अवसर प्रदेश की त्रिवेंद्र सरकार ने अपने कार्यकर्ताओं को दे दी है कार्यकर्ताओं से भरे हुए हैं और सरकार की चारों तरफ वाहवाही

20 साल से भाजपा और कांग्रेस ने उत्तराखंड में राज किया लेकिन वर्तमान की त्रिवेंद्र सरकार ने जो फैसला लिया है उससे पूरे प्रदेश में खुशी की लहर दौड़ गई इसीलिए तो त्रिवेंद्र सिंह रावत को फैसले लेने वाला मुख्यमंत्री माना जाता है उनके कठोर फैसले उसे ही आज गैरसैण ग्रीष्म कालीन राजधानी बन पाई है चारों तरफ सरकार की वाहवाही हो रही है और सरकार भी रंगों की होली दीपावली मना कर इस घोषणा का मजा ले रही है

3 मार्च से गैरसैंण में विधानसभा सत्र आयोजित किया गया मुख्यमंत्री ने विधानसभा में बजट सत्र के दौरान पहाड़ वासियों के लिए होली से पहले बड़ी खुशी दी मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पहाड़ों की ग्रीष्मकालीन राजधानी कुमाऊं और गढ़वाल के मध्य में बसे हुए गैर सेंड को घोषित कर दिया जिसके बाद स्थानीय लोगों के साथ-साथ भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने भी जमकर होली का त्यौहार मनाया यही नहीं 4 मार्च की शाम को गैर सेंड के भराड़ीसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाई उसके बाद से पूरे चमोली जनपद में खुशी है

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