श्री बदरीनाथ धाम के कपाट इस वर्ष 30 अप्रैल को प्रातः 4.30 खोल दिए जाएंगे ।
आज बसंत पंचमी के धार्मिक पर्व पर नरेंद्र नगर स्थित टेहरी नरेश के राज दरबार में बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की विधिवत घोषणा कर दी गई है। कपाट खुलने की तिथि घोषित होने के साथ ही भगवान बद्रीविशाल के नित्य महा अभिषेक पूजा में प्रयुक्त होने वाले तिलों के तेल पिरोने की तिथि भी 18 अप्रैल निश्चित की गई है।
भगवान बद्रीविशाल के कपाट इस वर्ष 30 अप्रैल को प्रातः 4:30 पर ग्रीष्म काल के लिए खोल दिए जाएंगे बसंत पंचमी के पावन पर्व पर नरेंद्र नगर स्थित टिहरी नरेश के राज दरबार में भगवान बद्रीविशाल के कपाट खुलने की तिथि पंचांग पूजा के बाद घोषित की गई मान्यता है कि टिहरी नरेश के जन्म कुंडली के आधार पर भगवान बद्रीविशाल के कपाट खुलने की तिथि घोषित की जाती है इस दौरान टिहरी नरेश का पूरा परिवार विशेष पूजा-अर्चना में शामिल होता है और उसके बाद तिथि को घोषित की जाती है 18 अप्रैल के बाद राज दरबार की सभी महिलाएं भगवान बद्री विशाल को लगाए जाने वाले तिल के तेल को निकाला आरंभ करेंगी जो डिमर के हक हकूक धारी लोग कपाट खुलने से 2 दिन पहले बद्रीनाथ भगवान के मंदिर में लेकर आते हैं कपाट खुलने की तिथि बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ घोषित की जाती है भगवान बद्रीविशाल के कपाट बंद होने की तिथि विजयदशमी को और खुलने की तिथि बसंत पंचमी को घोषित की जाती है भगवान बद्रीविशाल के कपाट खुलने के साथ ही चारों धाम की यात्रा शुरू हो जाती है