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मुख्य उद्देश्य जनता को सुविधा देना

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नवसृजित जिला विकास प्राधिकरण चमोली की पहली बैठक बुधवार को गढवाल मण्डल आयुक्त डा0 बीवीआरसी पुरूषोत्तम की अध्यक्षता में क्लेक्ट्रेट सभागार में संपन्न हुई। बैठक में जिला विकास प्राधिकरण की स्थापना के मुख्य उदेश्यों पर चर्चा करते हुए कार्यालय संचालन की व्यवस्थाओं को लेकर विभिन्न मदों में बजट का अनुमोदन भी किया गया।

गढवाल आयुक्त ने कहा कि प्राधिकरण की स्थापना का मुख्य उदेश्य जनता को सुविधाऐं देना है। उन्होंने निर्माण कार्यो को प्राधिकरण के नियमों के तहत समय से स्वीकृति देने के निर्देश दिए है। कहा कि जनता को प्राधिकरण के नियमों आदि की जानकारियां भी दी जाए ताकि जनता को अनावश्यक परेशानियों का सामना ना करना पडे़। उन्होंने शासन द्वारा निर्धारित जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण के नियमों का भी पूरी तरह से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है। प्राधिकरण के संचालन में किसी प्रकार की समस्या न हो तथा सभी कार्मिकों को भी प्राधिकरण के नियमों की भंली भांति जानकारी हो सके इसके लिए कार्यशाला का आयोजन किया जाए।

गढवाल आयुक्त ने कहा कि बाईलोज के अनुसार ही भवनों का निर्माण किया जाना चाहिए, ताकि आने वाले समय में किसी को भी परेशानी न हो। कहा कि प्राचीन सांस्कृतिक धरोहर हमारी अमूल्य संपत्तियां है और भारत सरकार ने इनको सुरक्षित रखने के लिए एक्शन प्रोटेक्शन मोनोमेंन्ट एक्ट पारित किया है। सांस्कृतिक धरोहरों की सुरक्षा के लिए आयुक्त ने एक्ट में निर्धारित नियमों के अनुसार ही निर्माण कार्यो के नक्शे पास करने के निर्देश दिए। कब्जे वाली भूमि पर भवन का नक्शा पास करने संबधी समस्या को देखते हुए आयुक्त ने कहा कि अवैध कब्जे वाली भूमि पर किसी भी प्रकार के भवन निर्माण हेतु नक्शा पास न किया जाए। पहाडी क्षेत्रों में कतिपय स्थानों पर निर्माण कार्यो के लिए नक्शे पास करने में आ रही समस्याओं पर आयुक्त ने कहा कि जहाॅ जहाॅ पर सड़क या रास्ते की चैडाई कम हो रही हो तो वहाॅ पर नाले की लम्बाई को भी जोड़कर मानकों को पूरा करें। कहा कि प्राधिकरण के नियमों में भी 2 मीटर रास्ते की अनिवार्यता में 25 प्रतिशत तक शिथिलिता देने का प्राविधान रखा गया है। जिले में निर्माण कार्यो की लंबित पत्रावलियों की समस्या पर आयुक्त ने 15 जून तक सभी लंबित पत्रावलियों का निस्तारण करने के भी निर्देश दिए है।

गढवाल आयुक्त ने सभी क्षेत्रीय कार्यालय के लिए महायोजन निर्माण एवं बाईलोज में पहाडी ढाल 30 अंश का प्राविधान होने से पहाडी क्षेत्रों में निर्माण कार्यो के नक्शे बनाने में आ रही परेशानियों को देखते हुए मानकों में छूट हेतु शासन से पत्राचार करने के निर्देश दिए। बैठक में जिला प्राधिकरण कार्यालय के संचालन हेतु पूर्व में अतिरिक्त कार्यभार के आधार पर तैनात इंजीनियर, कार्मिकों सहित वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए विभिन्न मदों में बजट का अनुमोदन भी किया गया।
जिलाधिकारी/उपाध्यक्ष जिला विकास प्राधिकरण स्वाति एस भदौरिया ने जिला विकास प्राधिकरण की प्रथम बोर्ड की बैठक में आयुक्त का स्वागत करते हुए जिला विकास प्राधिकरण के तहत अभी तक किए गए कार्यो की पूरी जानकारी दी। उन्होंने प्राधिकरण में लंबित प्रकरणों एवं पहाडी क्षेत्रों में बाईलोज में पहाडी ढाल 30अंश के मानक के कारण आ रही समस्याओं से भी आयुक्त को अवगत कराया।

बैठक में अपर जिलाधिकारी/सचिव जिला विकास प्राधिकरण एमएस बर्निया, सीडीओ हसांदत्त पांडे, संयुक्त मजिस्ट्रेट आंकाक्षा वर्मा, एसडीएम वैभव गुप्ता, एसडीएम केएस नेगी, एसडीएम देवानंद शर्मा, सीटीओ वीरेन्द्र कुमार, ईई विद्युत कैलाश कुमार, ईई जल संस्थान प्रवीन सैनी, ईई लोनिवि डीएस रावत, आरएसी/प्राधिकरण सहायक गोविन्द राम औलिया आदि उपस्थित थे।

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