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जोशीमठ में जल संस्थान की लापरवाही

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जोशीमठ में जल संस्थान की लापरवाही चारधाम यात्रा के दौरान स्थानीय लोगों के साथ ही तीर्थयात्रियों की परेशानी का सबब बन सकता है। यहां नगर क्षेत्र में पेयजल लाइनों पर हो रही लीकेज को लेकर जल संस्थान की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है। ऐसे में यात्रा शुरु होते ही नगर में पेयजल की खपत में होने वाली वृद्धि से पेयजल संकट गहरा जाएगा।
जोशीमठ नगर में पेयजल आपूर्ति की जिम्मेदारी जल संस्थान की है। जिसके चलते जल संस्थान की ओर से नगर में पेयजल लाइन का संचालन किया जा रहा है। लेकिन यहां नगर को सप्लाई हो रही पेयजल लाइन जगह-जगह क्षतिग्रस्त है। जिसका संयोजन संस्थान द्वारा अस्थाई तौर पर किया गया है। जिससे पेयजल लाइनें जगह-जगल लीकेज हो रही हैं। ऐसे में बडी मात्रा में पेयजल नालियों और पैदल रास्तों पर बह रहा है। गौरतलब है कि यात्राकाल में नगर में 5 एमएलडी पानी की आवश्यकता होती है। लेकिन वर्तमान में नगर में मात्र 1.5 एमएलडी पानी की सप्लाई हो पा रही है। ऐसे में साफ है कि बदरीनाथ और हेमकुंड साहिब की यात्रा के दौरान नगर में स्थानीय लोगों के साथ ही तीर्थयात्रियों को भी पेयजल की आपूर्ति के लिये दर-दर भटकना पडेगा। स्थानीय निवासी रमेश चंद्र सती और केशव प्रसाद का कहना है कि पेयजल लाइनों के रख-रखाव को लेकर जल संस्थान लापरवाह बना हुआ है। जिससे भारी मात्रा में पेयजल बरबाद हो रहा है। कहा कि यदि संस्थान की ओर से लाइनों की लीकेज का सुधारीकरण किया जाता है। तो काफी हद तक पेयजल की किल्लत को कम किया जा सकता है।

जोशीमठ नगर में पेयजल लाइनों के लीकेज सुधारीकरण का कार्य करवाया जा रहा है। लेकिन नगर में विभाग के पास मांग के सापेक्ष भंडारण की क्षमता के टैंक नहीं हैं। जिससे नगर में मांग के सापेक्ष पानी की आपूर्ति में दिक्कतें आ रही हैं। जिसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को भी दी गई है। यात्राकाल में अन्य व्यवस्थाओं से भी पेयजल आपूर्ति को सुचारु करवाया जाएगा।
संदीप आर्य, सहायक अभियंता, जल संस्थान, जोशीमठ।

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