Home उत्तराखण्ड आयुर्वेद एवं फार्मा के लाइसेंस के लिए होगी सिंगल विंडो

आयुर्वेद एवं फार्मा के लाइसेंस के लिए होगी सिंगल विंडो

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देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रविवार को मसूरी स्थित एक होटल में एसोसिएशन आॅफ देवभूमि फार्मा इंडस्ट्रीज उत्तराखण्ड द्वारा आयोजित इंडस्ट्री इंटेªक्शन प्रोग्राम में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार और उद्योगों के बीच कोर्डिनेशन के लिए प्रमुख सचिव उद्योग की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई जायेगी, जिसमें सचिव स्वास्थ्य, सचिव ऊर्जा, एमडी सिडकुल, दो प्रतिनिधि काॅसमेटिक इंडस्ट्री एवं सीआईआई के उत्तराखण्ड के अध्यक्ष इस कमेटी में सदस्य के रूप में रहेंगे। बायोडायवर्सिटी बोर्ड एवं प्रदूषण बोर्ड के अधिकारी भी आवश्यकता पड़ने पर बैठक में प्रतिभाग करेंगे। आयुर्वेद एवं फार्मा के लाइसेंस के लिए सिंगल विंडो सिस्टम बनाया जायेगा। सेलाकुई क्षेत्र में बिजली की आपूर्ति के लिए 230 केवी के सब स्टेशन की स्थापना की जायेगी। सेलाकुई पुलिस चैकी को उच्चीकृत कर थाने में बदला जायेगा और इसमें महिला पुलिस की संख्या बढ़ाई जायेगी। उद्योगों के सहयोग से एक औषधी कोष (मेडिकल बैंक) बनाया जायेगा। औषधी एवं सौंदर्य प्रसाधन अधिनियम के अन्तर्गत निर्गत किये जाने वाले गुड्स मैनीफैक्चरिंग प्रैक्टिसेज (जीएमपी) की वैधता एक वर्ष से बढ़ाकर तीन वर्ष की जायेगी साथ ही मार्केट स्टेंडिंग सेर्टिफिकेट (एम.एस.सी) की वैधता भी एक वर्ष से बढ़ाकर तीन वर्ष की जायेगी। भगवानपुर क्षेत्र में उद्योगों हेतु सेंट्रल ईटीपी प्लांट लगाया जायेगा। औषधी विभाग के सुदृढ़ीकरण के लिए नवीन ढ़ाचा जल्द ही केबिनेट में प्रस्तुत किया जायेगा। आयुर्वेदिक औषधी निर्माण एवं नियंत्रण विभाग के अधिकारी, केन्दीय औषधी मानक संगठन के अधिकारियों से समन्वय बनाकर विभाग से संबंधित समस्याओं का निदान करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन्वेस्टरों को हर सम्भव सुविधाएं प्रदान करने का प्रयास किया जायेगा। जिससे अधिक से अधिक उद्योग उत्तराखण्ड में निवेश कर सकेंगे। इससे स्थानीय स्तर पर युवाओं एवं महिलाओं को रोजगार के पर्याप्त अवसर मिलेंगे।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा देने, स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर बढ़ाने एवं राजस्व में वृद्धि के लिए उद्योगों के पदाधिकारियों से समय-समय पर बैठक करना जरूरी है। आॅल वेदर रोड एवं भारत माला योजना, रेलवे एवं हवाई सेवाओं में वृद्धि होने से आगामी दो सालों में प्रदेश में आवागमन के साधन और सुगम होने के बाद उद्योगों का उत्त्राखण्ड में रूझान और अधिक बढ़ेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पलायन को रोकने के लिए पर्वतीय क्षेत्रों में छोटे-छोटे उद्योगों को विकसित कर लोगों को रोजगार उपलब्ध कराना सरकार की शीघ्र प्राथमिकता है। 04 एवं 05 अक्टूबर को देहरादून में इनवेस्टर मीट किया जायेगा, जिसमें प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के आने का कार्यक्रम प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री ने सभी उद्योगों के पदाधिकारियों से अपील की कि इस इनवेस्टर मीट में अपने इनोवेटिव सुझाव दें।
वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि राज्य गठन के बाद उत्तराखण्ड में छोटे-बड़े उद्योगों में तेजी से वृद्धि हुई है। वर्तमान में प्रदेश में 41 हजार लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उद्योग हैं। 300 बड़ी इंडस्ट्रियां हैं। औषधी के क्षेत्र में देश का 20 प्रतिशत प्रोडक्ट उत्तराखण्ड में बन रहा है। एमएसएमई के तहत सरकार विशेष इन्सेंटिव दे रही है। जीएसटी में सभी 17 प्रकार के टेक्स को समायोजित कर देशभर में एक ही कर प्रणाली की व्यवस्था की गई है। जीएटी काउंसिल ने अनेक सुधारात्मक कदम उठाये हैं।
इस अवसर पर मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, ड्रग्स कंट्रोलर जनरल आॅफ इंडिया डाॅ. एस. ऐश्वर्य रेड्डी, सचिव स्वास्थ्य नितेश झा, सचिव वित्त अमित नेगी, सचिव ऊर्जा राधिका झा, एमडी सिडकुल सौजन्या, चैयरमेन एसोसिएशन आॅफ देवभूमि फार्मा इंडस्ट्रीज संदीप जैन, उत्तराखण्ड इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के अध्यक्ष पंकज गुप्ता एवं विभिन्न उद्योगों के पदाधिकारी उपस्थित थे।

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