लालकुआं
उत्तराखंड कांग्रेस चुनाव संचालन समिति के अध्यक्ष हरीश रावत ने जब से लालकुआं विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने का एलान किया है, यह सीट एकदम हॉट सीट बन गई है, हरदा लगातार चर्चाओं में है रविवार को सुबह सुबह हरदा ने कबड्डी खेल कर फिर से सुर्खियां बटोरी हैं उन्होंने बिन्दुखत्ता में कबड्डी प्रतियोगिता का शुभारंभ किया उधर हरदा से घबराए भाजपा के दिग्गज लगातार उन पर तंज कसते हुए घेरने का प्रयास कर रहे हैं, तो वही कांग्रेस के सदैव तारणहार रहे हरीश रावत की इस विधानसभा चुनाव में बैतरणी किस प्रकार पार लगेगी यह जिम्मेदारी लालकुआं विधानसभा सीट से अब तक दावेदारी कर रहे दिग्गज कोंग्रेसियों पर के कंधो पर टिकी हुई है परंतु उक्त कोंग्रेसियों को आपसी तालमेल के साथ हरदा को चुनाव लड़ना होगा, क्योंकि उक्त दावेदारों के समर्थकों के बीच भी आपसी तालमेल ठीक नहीं है। उनमें आपसी सामंजस्य बिठाना भी इनके लिए बड़ी चुनौती साबित होने वाला है।
टीम हरीश रावत की बात करें तो अब तक उनके द्वारा प्रभावी ढंग से चुनाव प्रचार शुरु नहीं किया गया है, उनके पुत्र आनंद रावत ने भी अभी तक लालकुआं में प्रवेश नहीं किया और ना ही कोई प्रभावशाली व्यक्तित्व ही चुनाव की बाग डोर संभालने की जिम्मेदारी अब तक उठा पाया है।वहीं दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी के स्टार प्रचारकों का लगातार हरीश रावत पर प्रहार जारी है, गत दिवस वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने अपने बयानों में कहा कि लालकुआं हरदा के लिए राजनैतिक मौत का कुआं साबित होगा, इस बार फिर वह चुनाव हारेंगे। जबकि इसके जवाब में हरदा ने नरम अंदाज में अपनी प्रतिक्रिया दी की इस बार लालकुआं उनके लिए अमृत का कुंड साबित होने जा रहा है।साथ ही इससे लालकुआं के साथ-साथ पूरे प्रदेश का भला होगा, उधर दूसरी ओर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने अपने बयानों में कहा है कि राम के नाम ने हरदा को कुवे में धकेल दिया, अर्थात उनका तात्पर्य यह है कि रामनगर से चुनाव हारने के भय से उन्हें लालकुआं सीट में जाना पड़ा। कुल मिलाकर विधानसभा चुनाव के लिए सियासी पारा चढ़ चुका है और हरदा के लिए यह चुनाव अब तक का सबसे बड़ा चैलेंज साबित होने जा रहा है।