नैनीताल: हाई कोर्ट ने महिला के साथ दुष्कर्म करने व उसकी नाबालिग बेटी के साथ छेड़छाड़ करने के आरोपित लालकुआं दुग्ध संघ के अध्यक्ष मुकेश बोरा के अग्रिम जमानत प्रार्थनापत्र को खारिज कर दिया है। इससे पहले 17 सितंबर को कोर्ट ने गिरफ्तारी पर रोक लगाने से संबंधित प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि ऐसे जघन्य अपराध के आरोपित को अंतरिम राहत देने से विवेचना में बाधा पहुंच सकती है और वह सुबूत से छेड़छाड़ कर सकता है।
शनिवार को न्यायाधीश न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की एकलपीठ में दुग्ध संघ अध्यक्ष मुकेश बोरा की ओर से मामले में अग्रिम जमानत को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई हुई। इस दाैरान पीड़िता की ओर से अधिवक्ताओं ने अग्रिम जमानत का कड़ा विरोध किया जबकि बचाव पक्ष ने दोहराया कि आरोपित को साजिशन फंसाया गया है। और उसकी सामाजिक प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए पूरा षडयंत्र रचा गया है। 13 सितंबर को हाई कोर्ट की एकलपीठ ने गिरफ्तारी पर 17 सितंबर तक रोक लगा दी थी। कोर्ट ने मुकेश बोरा से जांच में सहयोग करने व रोज अल्मोड़ा कोतवाली में उपस्थिति दर्ज करने को कहा था।लालकुआं क्षेत्र की निवासी पीड़िता ने बोरा पर दुग्ध संघ में पक्की नौकरी दिलाने का झांसा देकर होटल में दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था। पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने के बाद जांच आरंभ की तो पीड़िता ने बोरा पर उसकी नाबालिग बेटी के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाया। जिसके बाद पुलिस ने बोरा पर दर्ज मुकदमे में पोक्सो की धारा जोड़ दी थी।