दिनांक 05.11.2024 को भगवान श्री तुंगनाथ जी की डोली के आगमन वाले पैदल रास्ते पर टैण्ट स्थापित करने से डोली के 05 घण्टे तक रूके रहने संबंधी शिकायत के संबंध में इस कार्यालय की पत्र संख्या-1348/21-2 (शि०) दिनांक 08.11.2024 के द्वारा उप प्रभागीय वनाधिकारी, रुद्रप्रयाग उप वन प्रभाग को जांच के निर्देश दिये गये।
उप प्रभागीय वनाधिकारी, रूद्रप्रयाग उप वन प्रभाग द्वारा अपने पत्रांक 233/21-1 दिनांक 08.11. 2024 जांच रिपोर्ट प्रेषित की गयी। प्राप्त जांच रिपोर्ट के अनुसार आरक्षित वन रागसी कक्ष संख्या 2 (निकट मक्कू बैण्ड) में स्थित पैदल मार्ग में पारिस्थितिक पर्यटन के अन्तर्गत वर्ष 2023-24 में ईकोहट का निर्माण किया गया था जिससे भगवान तुंगनाथ जी की चल विग्रह डोली को जाने में अवरोध उत्पन्न हुआ है । दूरभाष पर सूचना मिलते ही वन क्षेत्राधिकारी, अगस्त्यमुनि द्वारा अनुभाग अधिकारी एवं बीट अधिकारी को शीघ्र मौके पर जाने हेतु फोन किया एवं भगवान तुंगनाथ की डोली के लिये रास्ता बनाने हेतु निर्देशित किया साथ ही मौके पर उपस्थित स्थानीय लोगों एवं डोली के साथ चल रहे पुजारी गणों से दूरभाष पर वार्ता की एवं रास्ता बनाने हेतु कार्य प्रारम्भ किया। मार्ग पर अवरोध उत्पन्न कर रहे ईकोहट को खाली करवाया गया तथा प्लेटफार्म को शिफ्ट करने के लिये स्थानीय लोगों की मदद ली गयी। उप प्रभागीय वनाधिकारी, रूद्रप्रयाग उप वन प्रभाग, वन क्षेत्राधिकारी, अगस्त्यमुनि सहित 06 अन्य वन कर्मियों 02 वेल्डर मशीन द्वारा ईकोहट को आंशिक रूप से अन्यत्र स्थानान्तिरत किया गया, तत्पश्चात परम्परागत पौराणिक मार्ग से भगवान श्री तुंगनाथ की चल-विग्रह डोली आगे बढ़ी।
उप प्रभागीय वनाधिकारी, रूद्रप्रयाग उप वन प्रभाग की आख्या अनुसार श्री कुंवर लाल, उप वन क्षेत्राधिकारी को मौके पर पहुंचने हेतु विलम्ब किया गया तथा समस्या के समाधान से बचने का प्रयास किया गया। इस प्रकार उप वन क्षेत्राधिकारी अपने कर्तव्य निर्वहन में विफल रहना तथा अवज्ञा करना उत्तरांचल राज्य कर्मचारी आचरण नियमावली 2002 का उल्लघंन है।
अतः श्री कुंवर लाल, उप वन क्षेत्राधिकारी को प्रथम दृष्टया राजकीय कर्तव्य एवं दायित्वों के निवर्हन के प्रति घोर लापरवाही बरतने पर प्रभागीय कार्यालय, रुद्रप्रयाग वन प्रभाग, रुद्रप्रयाग में संबंद्ध किया जाता है।