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मांगों को लेकर बेरोजगारों ने किया सीएम आवास कूच, पुलिस के साथ हुई धक्का -मुक्की

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मांगों को लेकर बेरोजगारों ने किया सीएम आवास कूच, पुलिस के साथ हुई धक्का -मुक्की

बेरोजगार बैरिकेडिंग कूदकर आगे बढ़ते हुए दिखाई दिए। हालांकि पुलिस ने फिर इन्हें रोक लिया। अंत में बेरोजगार सचिवालय चौक पर ही थक कर बैठ गए और विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन और नारेबाजी करने लगे।

उत्तराखंड बेरोजगार संघ और उत्तराखंड डिप्लोमा व आईटीआई बेरोजगारों ने विभिन्न मांगों को लेकर मंगलवार को सीएम आवास कूच किया। कूच के लिए परेड ग्राउंड से कनक चौक होते हुए बेरोजगार आगे बढ़ रहे थे, इसी बीच बेरोजगारों को सचिवालय से पहले ही सुभाष रोड पर बैरिकेडिंग लगाकर पुलिस ने रोक लिया। बैरिकेडिंग हटाकर बेरोजगार मुख्यमंत्री आवास की ओर बढ़ने की कोशिश करते रहे, लेकिन नाकामयाब रहे। इस बीच पुलिस और बेरोजगारों के बीच जमकर धक्का मुक्की हुई।

उत्तराखंड बेरोजगार संघ के उपाध्यक्ष राम कंडवाल ने कहा, हमने मुख्यमंत्री आवास कूच की सूचना आठ दिन पहले सिटी मजिस्ट्रेट और ट्रैफिक पुलिस को दे दी थी, फिर भी परेड ग्राउंड से 200 मीटर के भीतर रोक लिया गया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस या अन्य दलों को मुख्यमंत्री कूच की अनुमति दे दी जाती है, लेकिन उत्तराखंड के बेरोजगारों को मुख्यमंत्री से मिलने तक नहीं दिया जा रहा। 11 सूत्रीय मांगों को लेकर बेरोजगारों के एक प्रतिनिधिमंडल को मुख्यमंत्री के पीआरओ से मिलवाया गया। पीआरओ ने अगले एक सप्ताह में मांगें पूरी करने को लेकर आश्वासन दिया है कि संघ के एक प्रतिनिधिमंडल को मुख्यमंत्री से मिलवाया जाएगा।

बेरोजगारों की ये रहीं मांगें
– सात साल से रुकी टीजी2- यूपीसीएल-पिटकुल (जेई-एई) की विज्ञप्ति जारी की जाए।
– उत्तराखंड पुलिस कांस्टेबल भर्ती में उम्र सीमा बढ़ाकर विज्ञप्ति जारी करें।
– संयुक्त परीक्षाओं में वेटिंग के प्रावधान का शासनादेश जारी करें।
– कृषि, उद्यान और पशुपालन विभाग का फाइनल रिजल्ट जारी हो।
– फॉरेस्ट गार्ड भर्ती उम्र सीमा बढ़ाओ और विज्ञप्ति जारी करें।
– पॉलिटेक्निक लेक्चरर भर्ती में अनिवार्य योग्यता 55 प्रतिशत हो।
– विभिन्न विभागों में रिक्त जेई और एई भर्ती का हर साल कैलेंडर जारी हो।
– यूकेपीएससी और यूकेएसएसएससी अपना परीक्षा कैलेंडर जारी करें।
– राजकीय महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा नियमावली में परिवर्तन कर अधिकारिक घोषणा के साथ विज्ञप्ति जारी करें।
– उत्तराखंड में पूर्व में हुई भर्तियों की सीबीआई जांच की जाए।