भगवान बद्रीविशाल के कपाट खुलने की तिथि घोषित हो गई है लेकिन हक हकूक धारियों के बीच अभी भी देव स्थलम को लेकर विरोध जारी है । ब्रह्म कपाल के तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि वे अब इस पूरे मामले को लेकर कोर्ट जाएंगे और कोर्ट से ही न्याय मांगेंगे उन्होंने कहा कि सरकार ने जिस तरीके से देव स्थलम बोर्ड का गठन किया है वह गलत है इससे आने वाले भविष्य में सभी हक हकूक धारियों के हक को सरकार अपने पास रख लेगी और हक हकुक़ धारियों को तीर्थ स्थलों से दूर होना पड़ेगा आचार्य नरेशा नंद नौटियाल ने बताया कि उत्तराखंड हाई कोर्ट में इस पूरे मामले में अपील करने के लिए तैयारियां कर रहे हैं और चमोली और जोशीमठ के कुछ तीर्थ पुरोहित इस पूरे मामले में विभिन्न संगठनों और साधु संतों से भी लगातार संपर्क कर रही है उन्होंने कहा कि पूर्व में भी इस तरीके के कई फैसले सरकार ने तीर्थ पुरोहितों के खिलाफ दिए हैं लेकिन जब भी कोर्ट में तीर्थ पुरोहितों ने अपने हक की लड़ाई की तब तक उन्हें जीत मिली है उन्होंने कहा कि भविष्य में भी हमारी जीत होगी और हम अपना हक लेकर रहेंगे इस पूरे मामले में आदित्य भूषण सती ने बताया कि परंपराओं के साथ कोई छेड़खानी नहीं की जा रही है उन्होंने कहा कि भगवान बद्रीविशाल के कपाट खुलने की तिथि तक सभी हक हकूक धारी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अपना कार्य करेंगे लेकिन देवस्थल बोर्ड का विरोध उनके द्वारा अवश्य किया जाएगा । वहीं उमेश सती ने बताया कि हमारा प्रतिनिधि मंडल सुब्रमण्यम स्वामी से मिला 45 मिनट तक उनसे देवस्थानम एक्ट के बारे में चर्चा की और हमने उन्हें एक्ट की कॉपी सौंपी।
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