देहरादून: सूबे में चिकित्सा शिक्षा के सुदृढ़ीकरण के दृष्टिगत प्रत्येक राजकीय मेडिकल कॉलेज का गैप एनालिसिस किया जायेगा, ताकि कॉलेजों में पर्याप्त फैकल्टी, पैरामेडिकल स्टाफ एवं अन्य तकनिकी स्टॉफ सहित चिकित्सकीय सुविधाएं सुनिश्चित की जा सके। विभागीय अधिकारियों को गैप एनालिसिस कर एक साप्तह के भीतर शासन को रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दे दिये गये हैं।
चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने दून अस्पताल के सभागार में चिकित्सा शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक ली। जिसमें उन्होंने राजकीय मेडिकल कॉलेजों में गुणात्मक सुधार के दृष्टिगत मेडिकल फैकल्टी, पैरामेडिकल एवं तकनीकी स्टाफ सहित चिकित्सकीय उपकरणों व सुविधाओं के गैप एनालिसिस के लिये विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये। जिसकी रिपोर्ट एक सप्ताह के भीतर शासन को उपलब्ध कराने को कहा गया है। सभी मेडिकल कॉलेजों की रिपोर्ट मेडिकल विश्वविद्यालय के कुलपति की देखरेख में तैयार की जायेगी।
विभागीय मंत्री ने कहा कि मेडिकल कॉलेजों की अंतर विश्लेषण रिपोर्ट आने के उपरांत सुझाये गये प्रत्येक बिदुओं पर ठोस कार्रवाई की जायेगी। साथ ही यह भी स्पष्ट हो जायेगा कि किस मेडिकल कॉलेज में क्या-क्या कमी है तथा किस चीज की आवश्यकता और अधिकता है। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेजों में गैप एनालिसिस का विशेष फोकस अवसंरचना, अपग्रेडेशन, डिजिटलाइजेशन और नियुक्ति पर रहेगा ताकि चिकित्सा महाविद्यालयों में मानव संसाधन की कमी को दूर करने के साथ ही अवसंचरना व अपग्रेडेशन की प्रक्रिया को तेजी के साथ पूरा किया जा सकेगा। इसके साथ ही सभी चिकित्सा महाविद्यालयों का डिजिटलाइजेशन कर छात्र-छात्राओं व मरीजों को सभी सुविधाएं सुलभ कराई जायेगी। डा. रावत ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में गुणात्मक शिक्षा के साथ-साथ संबंद्ध चिकित्सालयों में विशेषज्ञ चिकित्साकों के अलावा अतिआधुनिक चिकित्सा उपकरण उपलब्ध करने के लिये पूर्णत संकल्पित है। बैठक में मेडिकल कॉलेजों के सुधारीकरण एवं सुदृढ़ीकरण के लिये विभागीय अधिकारियों को लघु एवं दीर्घकालिक कार्ययोजना तैयार करने के भी कहा गया है। डा. रावत ने कहा कि नई शिक्षा नीति-2020 के तहत निजी मेडिकल कॉलेजों के साथ समन्वय बनाते हुये टीचिंग शेयरिंग, लाइब्रेरी शेयरिंग के साथ ही ई-ग्रंथालय के माध्यम से मेडिकल छात्रों को अधिक से अधिक सुविधाएं उपलब्ध कराने का भी लक्ष्य रखा है। साथ ही प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में भी अंतर महाविद्यालय खेलकूद एवं सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं का आयोजना प्रत्येक वर्ष कराया जायेगा। बैठक में कुलपति हेमवती नंदन बहुगुणा मेडिकल यूनिवर्सिटी प्रो. एम.एल.ब्रह्म भट्ट के द्वारा मेडिकल कॉलेजों के गैप एनालिसिस को लेकर पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन दिया गया।
बैठक में कुलपति मेडिकल यूनिवर्सिटी प्रो. एम.एल.ब्रह्म भट्ट, सलाहकार एनएचएम डॉ. तृप्ति बहुगुणा, महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ. तारा आर्य, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. आशुतोष सयाना, प्राचार्य दून मेडिकल कॉलेज डा. गीता जैन, प्राचार्य हरिद्वार मेडिकल कॉलेज डॉ. रंगील सिंह रैना, एमएस दून मेडिकल कॉलेज डा. अनुराग अग्रवाल, अपर निदेशक चिकित्सा शिक्षा डा. आर.एस. बिष्ट, संयुक्त निदेशक स्वास्थ्य डा. ए.एम. जौहरी, महंत इंद्रेश मेडिकल कॉलेज के प्रतिनिधि डा. गौरव, ग्राफिक एरा मेडिकल कॉलेज से डा. पुनीत व डा. ए. अग्रवाल सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे जबकि प्रदेश के अन्य मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्यों ने बैठक में वर्चुअल माध्यम से प्रतिभाग किया।