Home उत्तराखण्ड यहाँ दबे शहर का सच आएगा सामने …ASI करेगा अध्ययन

यहाँ दबे शहर का सच आएगा सामने …ASI करेगा अध्ययन

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अब सामने आएगा रामगंगा घाटी में दबे शहर का सच…ASI करेगा अध्ययन, तलाशेंगे महाभारत काल से कनेक्शनभारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अनुसार अल्मोड़ा में रामगंगा नदी तट पर मिले अवशेषों ने यहां पर गुमनाम शहर को तलाशने के लिए प्रेरित किया है।भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण प्रारंभिक सर्वे के बाद अब रामगंगा घाटी में दबे शहर का सच सामने लाएगा।

अगले महीने से इस पर काम शुरू होने जा रहा है। प्रथम चरण में रामगंगा घाटी के समतल क्षेत्रों में सतही अध्ययन होगा। परिणाम सकारात्मक मिले तो एएसआई खुदाई का कार्य कराएगा।भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अनुसार अल्मोड़ा में रामगंगा नदी तट पर मिले अवशेषों ने यहां पर गुमनाम शहर को तलाशने के लिए प्रेरित किया है। पिछले कई सालों में रामगंगा घाटी में सर्वे के दौरान एएसआई को मिट्टी के पात्रों से लेकर मंदिरों के अवशेष तक बरामद हुए हैं। यह अवशेष पांचवीं शताब्दी ईसा पूर्व के प्रतीत हो रहे हैं। कुमाऊं विश्वविद्यालय के अल्मोड़ा कैंपस ने इस पर शोध किया है।उन्हें भी घाटी के नीचे प्राचीन सभ्यता के विकसित होने के संकेत मिले हैं। इस क्षेत्र में एक दुर्लभ शिवलिंग भी मिला था। इस क्षेत्र में कई अति प्राचीन मंदिरों के अवशेष बरामद होने के बाद एएसआई का मानना है कि यहां कोई सभ्यता रही होगी, जिसने इन मंदिरों का निर्माण कराया।

तलाशेंगे महाभारत काल से कनेक्शन
इस क्षेत्र में खुदाई के दौरान कक्ष और जार बरामद हो चुके हैं। इनमें मृत अवशेष भी पाए गए थे। मिट्टी के बर्तन और कटोरों की आकृ़ति मेरठ क्षेत्र में उत्खनन में मिले मिट्टी के बर्तनों के समान है, इसलिए यह भी पता किया जाएगा कि इस क्षेत्र का संबंध महाभारत काल से तो नहीं है।

रामगंगा नदी के तट पर सैकड़ों साल पुराने मंदिरों के समूह की उपस्थिति मिली है, इससे यह पता चलता है कि यहां पहले कोई सभ्यता विकसित रही होगी। सरफेस स्टडी (सतही अध्ययन) के बाद पता लग सकेगा कि यहां पर दबा शहर-सभ्यता किस शताब्दी की है।
-मनोज सक्सेना, अधीक्षण पुरातत्वविद्, एएसआई