Home उत्तराखण्ड स्पीकर ने विधानसभा में हुई 228 बैकडोर भर्तियों को निरस्त करने का...

स्पीकर ने विधानसभा में हुई 228 बैकडोर भर्तियों को निरस्त करने का किया एलान

107
1
SHARE

उत्तराखंड में नौकरियों में मचे भ्रष्टाचार को लेकर जो अवसर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी के हाथ आया है। ऐसा मुद्दा कोई पूर्व मुख्यमंत्री शायद ही कभी दिखा पाया हो। सीएम धामी ने पहले उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में भर्ती भ्रष्टाचार और नकल माफिया पर कार्रवाई की जिसके चलते आज 40 से ज्यादा अभियुक्त सलाखों के पीछे हैं। उसके बाद शुक्रवार को स्पीकर ने विधानसभा में हुई 228 बैकडोर भर्तियों को निरस्त करने का एलान किया है उसने राज्य के मेहनती और ईमानदारी से नौकरी की तैयारी कर रहे युवाओं को नई उम्मीद बंधाई है।

आखिर विधानसभा में भर्तियों के नाम पर लूट अंतरिम सरकार के समय शुरू हो गई थी और UKSSSC में भी पहले दिन से नकल माफिया सेंधमारी कर चुका था लेकिन एक्शन अब होता दिख रहा है। शायद विधानसभा में पूर्व के विधानसभा अध्यक्षों द्वारा अपने विशेषाधिकार, नियमानुसार और आवश्यकतानुसार जैसे नकली तर्क गढ़कर भर्तियों के नाम पर लूट होते रहने दी या कहिए कि लूट की। लेकिन आज का दिन इन तमाम गुनाहों पर एक्शन का सबसे बड़ा दिन है।

पिछले दिनों जब विधानसभा में बैकडोर भर्तियों का जिन्न बोतल से बाहर आया तो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पीकर ऋतु खंडूरी भूषण को पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि विधानसभा में अंतरिम सरकार से लेकर चौथी विधानसभा तक हर स्पीकर पर भर्तियों में भाई भतीजावाद और चहेतों को नौकरी देने के आरोप लगे हैं। लिहाजा इसकी एक्सपर्ट कमेटी बनाकर जांच की जाए। इसके बाद तीन सितंबर को स्पीकर खंडूरी ने डीके कोटिया को अध्यक्ष और एसएस रावत व अवनेंद्र सिंह नयाल को सदस्य बनाकर एक्सपर्ट समिति गठित की थी।

एक्सपर्ट समिति ने गुरुवार शाम को अपनी रिपोर्ट स्पीकर को सौंप दी थी जिसके बाद आज यानी 23 सितंबर को प्रेस वार्ता कर ऋतु खंडूरी ने बताया कि जांच समिति ने पाया कि जो भी तदर्थ नियुक्तियां की गई, वह सब नियम विरुद्ध थीं। उनके लिए ना विज्ञापन निकाले गए और ना ही रोजगार कार्यालय से कोई आवेदन मंगाए गए। स्पीकर ने कहा कि जांच समिति ने माना है कि इन भर्तियों से संविधान के अनुच्छेद 14 और अनुच्छेद 16 का भी उल्लंघन हुआ है।

 

समिति ने इस संबंध में जो कारण बताए हैं, वह इस प्रकार है:

1- सेवा के विभिन्न पदों पर सीधी भर्ती के लिये निर्धारित चयन समिति का गठन नहीं किया गया। इस प्रकार यह तदर्थ नियुक्तियां चयन समिति के माध्यम से नहीं की गयी है।

2- तदर्थ नियुक्ति किये जाने हेतु कोई विज्ञापन नहीं दिया गया और न ही कोई सार्वजनिक सूचना दी गयी और न ही रोजगार कार्यालय से नाम मंगाये गये।

3- तदर्थ नियुक्ति किये जाने हेतु इच्छुक अभ्यर्थियों से आवेदन पत्र नहीं मांगे गये, केवल व्यक्तिगत आवेदन पत्रों पर नियुक्ति प्रदान कर दी गयी।

4- तदर्थ नियुक्ति किये जाने हेतु कोई प्रतियोगिता परीक्षा आयोजित नहीं की गयी ।

5- इन तदर्थ भर्तियों के लिये सभी पात्र एवं इच्छुक अभ्यर्थियों को समानता का अवसर प्रदान नहीं करके भारत के संविधान के अनुच्छेद-14 एवं अनुच्छेद-16 का उल्लंघन हुआ है ।

जाँच समिति ने अपनी रिपोर्ट में इस बात का भी उल्लेख किया है कि कार्मिक विभाग के 06 फरवरी, 2003 के शासनादेश द्वारा विभिन्न विभागों के अन्तर्गत तदर्थ/संविदा/नियत वेतन / दैनिक वेतन पर की जाने वाली नियुक्तियों पर रोक लगाई गयी है।

उक्त 06 फरवरी, 2003 के शासनादेश में व्यवस्था उपबन्धित है कि श्रेणी ग तथा घ के किसी भी पद पर दैनिक वेतन / तदर्थ / संविदा / नियत वेतन पर नियुक्ति नहीं की जायेगी। इस प्रकार की नियुक्तियों पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध रहेगा ।

पत्रकार बंधुओं, इतनी विस्तृत जानकारी आपके साथ शेयर करने से यह लाभ होगा कि जांच समिति की सिफारिशों के अनुरूप विधान सभा अध्यक्ष के रूप में मैनें जो निर्णय लिये हैं, उनको समझने में आसानी रहेगी।

विधान सभा अध्यक्ष के रूप में जांच समिति की अनुशंसा को स्वीकार करते हुए वर्ष 2016 तक की 150 तदर्थ नियुक्तियों को, वर्ष 2020 की 06 तदर्थ नियुक्तियों को तथा वर्ष 2021 की 72 तदर्थ नियुक्तियों को निरस्त करने का निर्णय लिया है।

चूंकि इन तदर्थ नियुक्तियों को शासन का अनुमोदन प्राप्त है, अतः नियमानुसार इन तदर्थ नियुक्तियों को निरस्त करने के लिये शासन का अनुमोदन लेना आवश्यक है। इन नियम विरूद्ध तदर्थ नियुक्तियों को निरस्त करने के लिये अनुमोदन हेतु मैं शासन को तत्काल प्रस्ताव भेज रही हूँ।

अनुमोदन प्राप्त होते ही नियम विरूद्ध तदर्थ नियुक्तियां तत्काल समाप्त कर दी जाएगी। इसी प्रकार उपनल द्वारा की गयी 22 नियुक्तियों को भी तत्काल प्रभाव से निरस्त कर रही हूँ|

मैं आपको यह जानकारी भी देना चाहती हूँ कि विधान सभा सचिवालय द्वारा वर्ष 2021 में 32 विभिन्न पदों पर सीधी भर्ती के लिये आवेदन पत्र मंगाये गये थे, जिसके लिये इस वर्ष 20 मार्च को लिखित परीक्षा भी आयोजित की गयी थी जिसका परिणाम अभी तक घोषित नहीं हुआ है। इस परीक्षा के लिये लखनऊ की एक प्राईवेट एजेंसी मैसर्स आर०एम०एस० टेक्नोसोल्यूशनस प्रा० लि० का चयन किया गया।

इस एजेंसी के कार्यकलाप विवादों में रहे हैं और इस पर पेपरलीक के गंभीर आरोप भी लगे हैं जिसके चलते कम से कम 5 प्रतियोगिता परीक्षा शासन को रद्द करनी पड़ी हैं और अनेक गिरफतारियां भी हुई हैं।

विधान सभा सचिवालय में नियमों/प्रावधानों का उल्लघंन करते हुए इस एजेंसी का चयन किया गया है इसमें अनेक वित्तीय अनियमितताएं भी पायी गयी हैं ।

उपलब्ध जानकारी अनुसार इस एजेंसी को बिल प्राप्त होने के 02 दिन के अन्दर बैंक से 59 लाख रूपये का भुगतान भी जारी कर दिया गया जिसमें विधान सभा सचिव की भूमिका भी संदेहास्पद पायी गयी है।

इस परिप्रेक्ष्य में विधान सभा अध्यक्ष के रूप में मैने यह निर्णय लिया है कि इन 32 पदों पर हुई परीक्षा को निरस्त किया जाता है तथा एजेंसी की भूमिका की जाँच की जाएगी तथा नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

विधान सभा अध्यक्ष के रूप में मैंने यह भी निर्णय लिया है कि इस पूरे प्रकरण में विधान सभा सचिव की संदिग्ध भूमिका की जांच की जाए। जांच पूरी होने तक श्री मुकेश सिंघल को तत्काल प्रभाव से निलम्बित किया जाता है, तत्संबंधी आदेश जारी किये जा रहे है।

जांच समिति की रिपोर्ट में दी गयी विभिन्न सिफारिशों/ सुझावों पर कार्रवाई जारी रहेगी। इसमें विधान सभा सचिवालय में कर्मचारियों/अधिकारियों की Right Sizing, E-Office, E- Vidhan, पदोन्नति तथा सेवा नियमों में सुधार शामिल हैं।

अंत में, मैं पुनः अवगत कराना चाहती हूँ कि वर्ष 2016 तक की 150 तदर्थ नियुक्तियों की वर्ष 2020 की 06 तदर्थ नियुक्तियों को तथा वर्ष 2021 की 72 तदर्थ नियुक्तियों को निरस्त करने के मेरे निर्णय के अनुमोदन के लिये प्रस्ताव शासन को तत्काल भेज रही हूँ।-स्पीकर ऋतु खंडूरी भूषण

1 COMMENT

  1. Yesterday, while I was at work, my sister stole my iPad and tested to see if it can survive a 25
    foot drop, just so she can be a youtube sensation. My apple ipad
    is now broken and she has 83 views. I know this
    is totally off topic but I had to share it with someone!

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here