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बद्रीनाथ मंदिर के कपाट खुलने की तिथि 5 फरवरी बसंत पंचमी के दिन नरेंद्र नगर राजदरबार में होगी तय ।

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चमोली :

बद्रीनाथ मंदिर के कपाट खुलने की तिथि 5 फरवरी बसंत पंचमी के दिन नरेंद्र नगर राजदरबार में तय होगी। बदरी केदार। मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी हरीश गौड़ ने बताया कि श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि तय करने की प्रक्रिया के तहत श्री बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति ने रविवार श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ परिसर से गाडू घड़ा को योग बदरी पांडुकेश्वर हेतु रवाना किया गया।

इससे पहले रविवार को ही समिति ने खजाने में रखे पवित्र तेल कलश को डिमरी पंचायत के प्रतिनिधियों को सौंपा गया था। कल पांडुकेश्वर से पूजा अर्चना पश्चात तेल कलश पुनः श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ पहुंचेगा। 4 फरवरी को तेलकलश जोशी मठ से  रवाना होकर मंदिर समिति की चंद्रभागा ऋषिकेश स्थित धर्मशाला में रात्रि विश्राम हेतु पहुंचेगा‌। 5 फरवरी को  श्री डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत के प्रतिनिधि गाडू घड़ा तेल कलश नरेंद्र नगर राज दरबार के सुपुर्द करेंगे।कोरोना गाईडलाइन एवं ओमिक्राॅन के प्रकोप को देखते हुए 5 फरवरी बसंत पंचमी को प्रात: 10 बजे से अति संक्षिप्त रूप से आयोजित कार्यक्रम में धार्मिक परंपरा  विधि- विधान पंचाग गणना के अनुसार श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि तय होगी। इसी के साथ गाडू घड़ा तेलकलश  हेतु राजमहल में तिलों के तेल को पिरोने की तिथि भी  तय हो जायेगी। यह तिलों का तेल श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने के अवसर पर डिमरी पंचायत द्वारा श्री बदरीनाथ धाम पहुंचाया जायेगा।

इससे पहले रविवार को ही समिति ने खजाने में रखे पवित्र तेल कलश को डिमरी पंचायत के प्रतिनिधियों को सौंपा गया था। कल पांडुकेश्वर से पूजा अर्चना पश्चात तेल कलश पुनः श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ पहुंचेगा। 4 फरवरी को तेलकलश जोशी मठ से  रवाना होकर मंदिर समिति की चंद्रभागा ऋषिकेश स्थित धर्मशाला में रात्रि विश्राम हेतु पहुंचेगा‌। 5 फरवरी को  श्री डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत के प्रतिनिधि गाडू घड़ा तेल कलश नरेंद्र नगर राज दरबार के सुपुर्द करेंगे।कोरोना गाईडलाइन एवं ओमिक्राॅन के प्रकोप को देखते हुए 5 फरवरी बसंत पंचमी को प्रात: 10 बजे से अति संक्षिप्त रूप से आयोजित कार्यक्रम में धार्मिक परंपरा  विधि- विधान पंचाग गणना के अनुसार श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि तय होगी। इसी के साथ गाडू घड़ा तेलकलश  हेतु राजमहल में तिलों के तेल को पिरोने की तिथि भी  तय हो जायेगी। यह तिलों का तेल श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने के अवसर पर डिमरी पंचायत द्वारा श्री बद्रीनाथ धाम पहुंचाया जायेगा।

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