अल्मोड़ा जिले में हुई बस दुर्घटना के शोक में 8 नवम्बर को आयोजित होने वाले राज्य स्थापना दिवस से संबन्धित सांस्कृतिक कार्यक्रम निरस्त
अब 8 नवंबर को प्रदेश में चलेगा सफाई अभियान, नारी निकेतन, अनाथ आश्रमों, वृद्धाश्रमों आदि में फल वितरण कार्यक्रम
अल्मोड़ा जिले में सोमवार को हुई बस दुर्घटना के शोक में राज्य स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर प्रस्तावित सांस्कृतिक कार्यक्रम निरस्त कर दिए गए हैं। मंगलवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में यह महत्वपूर्ण फैसला लिया गया।
बैठक में सड़क हादसे पर गहरा दुःख व्यक्त कर मृतकों के परिजनों के प्रति शोक संवेदना व्यक्त की गई और सभी घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की गई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि दुःख की इस घड़ी में पूरी सरकार शोकग्रस्त परिवारों के साथ खड़ी है। अस्पतालों में भर्ती घायलों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है। विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि घायलों के इलाज में किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि इस हृदयविदारक दुर्घटना के शोक में राज्य स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर प्रस्तावित सांस्कृतिक कार्यक्रमों के स्थान पर 8 नवम्बर को प्रदेश में सेवा दिवस मनाया जायेगा। इस अवसर पर प्रदेश भर में सफाई अभियान चलाया जाएगा और नारी निकेतन, वृद्धाश्रमों, महिला आश्रमों में फल वितरण आदि सेवा कार्य आयोजित होंगे। बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, सचिव गृह शैलेश बगौली और अपर पुलिस महानिदेशक एपी अंशुमान उपस्थित थे।
क्यों नहीं बने क्रैश बैरियर, होगी जांच
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दुर्घटना ग्रस्त मार्ग पौड़ी-रामनगर पर क्रैश बैरियर नहीं बनाए जाने पर गंभीर रुख अपनाया है। लोक निर्माण विभाग को क्रैश बैरियर निर्माण के लिए विगत दो वर्ष में साढ़े सात करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गई है। उन्होंने विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों से पूछा है कि धनराशि दिए जाने बावजूद क्रैश बैरियर क्यों नहीं बनाए गए। मुख्यमंत्री ने इस विषय पर जांच के निर्देश दिए हैं।
बसों की पर्याप्त व्यवस्था करें
आगामी 10 दिनों के भीतर बसों की उपलब्धता का आकलन कर लें
मुख्यमंत्री ने रोडवेज अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सभी मार्गों पर रोडवेज बसों की उपलब्धता हो। त्योहार के समय में अतिरिक्त बसें संचालित की जाएं। यदि बसें पर्याप्त नहीं हैं तो नई बसें खरीदने की व्यवस्था की जाए। ध्यान रखा जाए कि आम लोगों को आवागमन में किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो।