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विषम भौगोलिक परिस्थतियों में खंडहर जादूंग को आबाद करने में जुटे श्रमिक, बना रहे होम स्टे

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भारत-चीन युद्ध 1962 में जाड़-भोटिया समुदाय के सीमावर्ती नेलांग और जादूंग गांव को खाली करवाया गया था। वर्तमान में जादूंग में जहां आईटीबीपी तैनात है। वहीं, नेलांग में सेना काबिज है।

सीमावर्ती जादूंग गांव में वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत खंडहर घरों को होमस्टे में बदलने का काम तेजी से चल रहा है। यहां विषम भौगोलिक परिस्थितियों के बीच 30 श्रमिक होमस्टे निर्माण के काम में जुटे हुए हैं। कार्यदायी संस्था गढ़वाल मंडल विकास निगम के अधिकारियों का कहना है कि पहाड़ी शैली में बनने वाले ये सभी होमस्टे सौर ऊर्जा से रोशन होंगे, जिसके भूतल में होमस्टे मालिक रहे सकेंगे। वहीं, ऊपरी मंजिल में पर्यटकों के ठहरने की उचित व्यवस्था होगी

बता दें कि भारत-चीन युद्ध 1962 में जाड़-भोटिया समुदाय के सीमावर्ती नेलांग और जादूंग गांव को खाली करवाया गया था। वर्तमान में जादूंग में जहां आईटीबीपी तैनात है। वहीं, नेलांग में सेना काबिज है। केंद्र सरकार ने वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत सीमावर्ती जादूंग गांव को दोबारा आबाद की कवायद शुरू की है।

इसके तहत प्रथम चरण में जादूंग गांव में छह होमस्टे का निर्माण किया जा रहा है। जो कि पुराने भवनों के स्थान पर ही पहाड़ी शैली में तैयार किए जा रहे हैं। इन होमस्टे के निर्माण में पुराने भवनों के निर्माण प्रयुक्त पत्थर की ही चिनाई की जाएगी। वर्तमान में कार्यदायी संस्था गढ़वाल मंडल विकास निगम की देखरेख में 30 श्रमिक होमस्टे के निर्माण में जुटे हुए हैं।

हालांकि इनके लिए विकट भौगोलिक परिस्थितियों वाले इस क्षेत्र में निर्माण आसान नहीं है। यहां दिन का तापमान जहां 2 से 3 डिग्री सेल्सियस रहता है। वहीं, रात में यह माइनस में चला जाता है। दोपहर दो बजे बाद यहां तेज हवाएं चलने लगती है, जिससे निर्माण कार्य को जारी रख पाना आसान नहीं रहता है। जीएमवीएन के एई डीएस राणा ने बताया कि होमस्टे एक की ऊपरी मंजिल में दो कमरे रहेंगे। जबकि अन्य में एक कमरा नीचे और एक ऊपर रहेगा। भूतल में मालिक और ऊपर पर्यटकों के ठहरने की उचित व्यवस्था रहेगी। ये सभी होमस्टे सौर ऊर्जा से रोशन होंगे।

फर्निश्ड कर दिए जाएंगे होमस्टे
जादूंग गांव में बनाए जा रहे होमस्टे पूरी तरह फर्निश्ड कर दिए जाएंगे। जीएमवीएन के एई डीएस राणा ने बताया कि होमस्टे को पूरी तरह फर्नीचर आदि से सुसज्जित कर सौंपा जाएगा। होमस्टे के भूतल और ऊपरी मंजिल दोनों में शौचालय की भी उचित व्यवस्था होंगी। पत्थर की चिनाई होने से सर्दियों में भी यह होमस्टे अंदर से पूरी तरह गर्माहट देंगे।

वर्तमान में एक होमस्टे की नींव तैयार कर ली गई है, एक अन्य का काम चल रहा है। सभी होमस्टे अगस्त 2025 तक तैयार करने का लक्ष्य है। प्रत्येक होमस्टे को जोड़ने के लिए इंटर कनेक्ट फुटपॉथ का भी निर्माण किया जाएगा, जिसमें सोलर लाईटें लगी होंगी।
– डीएस राणा, सहायक अभियंता जीएमवीएन