Home उत्तराखण्ड यहाँ दो शिक्षक कर दिए गए निलंबित, जानिए क्या हैं मामला

यहाँ दो शिक्षक कर दिए गए निलंबित, जानिए क्या हैं मामला

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नहीं मंजूर हुई छुट्टी तो स्कूल से गायब हो गए दो टीचर, जिला शिक्षाधिकारी ने दोनों को किया निलंबित
चकराता के खनाड प्राथमिक विद्यालय में प्रभारी प्रधानाध्यापक और सहायक अध्यापिका को बिना अनुमति के स्कूल से अनुपस्थित रहना भारी पड़ गया। जिला शिक्षाधिकारी प्राथमिक शिक्षा ने दोनों को निलंबित कर दिया है। ग्रामीणों की शिकायत पर यह कार्रवाई की गई है। ग्रामीण स्कूल पहुंचे थे लेकिन दोनों शिक्षक गैरमौजूद रहे। निलंबन अवधि में रमेश चंद्र शर्मा कार्यालय उप शिक्षा अधिकारी प्राथमिक शिक्षा चकराता से सम्बद्ध रहेंगे।

चकराता। खनाड के प्राथमिक विद्यालय में प्रभारी प्रधानाध्यापक और दूसरी सहायक अध्यापिका को अवकाश मंजूर किए बिना स्कूल में नहीं पहुंचना महंगा पड़ गया है। जिला शिक्षाधिकारी प्राथमिक शिक्षा ने दोनों को निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई ग्रामीणों की शिकायत पर की गई है। ग्रामीण स्कूल पहुंच गए थे लेकिन दोनों शिक्षक गैरमौजूद रहे।

जिला शिक्षा अधिकारी ने खंड शिक्षा अधिकारी विकासनगर को इस मामले का जांच अधिकारी नामित कर 30 दिन में जांच आख्या देने को कहा है। मंगलवार को खनाड़ के ग्रामीण जब राजकीय प्राथमिक विद्यालय पहुंचे तो कोई भी शिक्षक मौजूद नहीं था। बच्चे स्कूल में इंतजार कर रहे थे।

पता चला कि प्रभारी प्रधानाध्यापक रमेश चंद्र शर्मा और सहायक अध्यापिका रजनी बिना अवकाश स्वीकृत अनुपस्थित थीं। बाल विकास केंद्र आंगनबाड़ी में भी कार्यकर्ता अनुपस्थित मिलीं। इस पर ग्रामीण भड़क गए। उन्होंने इसकी शिकायत शिक्षा विभाग के अधिकारियों के सामने रखी।

खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) बुशरा खानम ने मामले को गंभीरता से लेते हुए शिक्षकों के निलंबन का आश्वासन देकर ग्रामीणों को शांत किया। बीईओ की रिपोर्ट पर जिला शिक्षाधिकारी प्राथमिक शिक्षा भवनेश्वर प्रसाद ने दोनों शिक्षकों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। निलंबन अवधि में रमेश चंद्र शर्मा कार्यालय उप शिक्षा अधिकारी प्राथमिक शिक्षा चकराता से सम्बद्ध रहेंगे।

जबकि सहायक अध्यापिका रजनी को कार्यालय उप शिक्षा अधिकारी प्राथमिक शिक्षा कालसी कार्यालय से अटैच किया गया है। उध, बाल विकास अधिकारी नीलम जयसवाल ने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के अनुपस्थित रहने के मामले की जांच के लिए सुपरवाइजर से लिखित शिकायत दर्ज करने को कहा गया है।