Home उत्तराखण्ड DG शिक्षा झरना का बड़ा फैसला, विद्यालय स्तर पर बनेंगे महिला प्रेरक...

DG शिक्षा झरना का बड़ा फैसला, विद्यालय स्तर पर बनेंगे महिला प्रेरक समूह

19
0
SHARE

राज्य परियोजना निदेशक, समग्र शिक्षा उत्तराखण्ड सुश्री झरना कमठान द्वारा अवगत कराया गया कि समग्र शिक्षा के अन्तर्गत सामुदायिक सहभागिता को परिणामोन्मुखी बनाये जाने हेतु राजकीय विद्यालयों में छात्र-छात्राओं के अभिभावकों विशेषकर महिलाओं की सक्रिय भूमिका को अधिक प्रभावी एवं गतिशील बनाये जाने हेतु विद्यालय स्तर पर महिला प्रेरक समूह (Women Motivator Group) का गठन किया जाना है, जिसमंे विद्यालय प्रबन्धन समिति अथवा विद्यालय प्रबन्धन विकास समिति की महिला सदस्य,

जो विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की माता, अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति वर्ग से सम्बन्ध रखते हों, सम्बन्धित ग्राम सभा की महिला मंगल दल सदस्य, निकटवर्ती प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में कार्यरत ए0एन0एम0 तथा स्वंय सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को सम्मिलित करते हुए 12 सदस्यीय समिति हांेगी।
राज्य परियोजना निदेशक, समग्र शिक्षा उत्तराखण्ड द्वारा जनपदों को निर्देशित किया गया कि महिला प्रेरक समूह ऐसे बच्चों का चिन्ह्ांकन करेंगे, जिन्हें विद्यालय आने में किसी प्रकार की कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है तथा सम्बन्धित समस्या के निराकरण हेतु प्रयास एवं अनुशंसा की जायेगी साथ ही विद्यालय स्तर पर स्वास्थ्य एवं स्वच्छता कार्यशालाओं का आयोजन, विद्यालय में अध्ययनरत् बालिकाओं में नेतृत्व क्षमता व कौशल विकास सम्बन्धी कार्यक्रम, बालक/बालिका में अन्तर की विचारधारा को समाप्त करने सम्बन्धी अभिमुखीकरण कार्यक्रम, बालिकाओं में पोषण और जन्म नियंत्रण से सम्बन्धित

नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में कार्यरत ए0एन0एम0/जी0एन0एम0 की सहायता से अभिमुखीकरण कार्यक्रमों का आयोजन, बाल यौन शोषण के प्रति जागरूकता कार्यक्रमों के आयोजन, समाज की कुप्रथाओं यथा- बाल विवाह, घरेलू हिंसा के विरूद्ध बालक/बालिकाओं को जागरूक करना, आदि सम्मिलित है।
राज्य परियोजना निदेशक द्वारा अवगत कराया गया कि महिला प्रेरक समूह माह के अन्तिम शनिवार को विद्यालय स्तर पर प्रतिभा दिवस में बालक/बालिकाओं हेतु विभिन्न गतिविधियों के संचालन एवं ‘‘सपनों की उड़ान’’ कार्यक्रम में भी सहयोग करेंगी तथा राष्ट्रीय पर्व एवं वार्षिक महोत्सव के अवसर पर समूह की महिलाओं द्वारा छात्र-छात्राओं हेतु पर्यावरण जागरूकता, पारम्परिक कृषि, पारम्परिक वेशभूषा, पारम्परिक भोजन तथा पारम्परिक रीति रिवाज सम्बन्धी जानकारियों को साझा भी किया जायेगा।