राज्यपाल, खान एवं खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1957 (अधिनियम संख्या 67. वर्ष 1957) की धारा 23 ग द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुये उत्तराखण्ड खनिज (अवैध खनन, परिवहन एवं भण्डारण का निवारण) नियमावली, 2021 व उत्तराखण्ड खनिज (अवैध खनन, परिवहन एवं भण्डारण का निवारण) (संशोधन) नियमावली 2023 में संशोधन करने की दृष्टि से निम्नलिखित नियमावली बनाते हैं:
उत्तराखण्ड खनिज (अवैध खनन, परिवहन एवं भण्डारण का निवारण) (चतुर्थ संशोधन) नियमावली, 2024
संक्षिप्त 1. (1) इस नियमावली का संक्षिप्त नाम उत्तराखण्ड खनिज (अवैध खनन, परिवहन एवं
नाम और भण्डारण का निवारण) (चतुर्थ संशोधन) नियमावली, 2024 है। (2) यह तुरन्त प्रवृत्त होगी।
प्रारम्भ
नियम 7 में 2. मूल नियमावली के अध्याय-दो के नियम 7 के उपनियम (3) के पश्चात उपनियम (4), (5) उपनियम (4). (5) एवं एवं (6) को निम्नवत अंतःस्थापित कर दिया जायेगा, अर्थात्ः-
(6)अंतःस्थापन
(4) खनिजों के परिवहन में प्रयुक्त होने वाले समस्त वाहनों पर जी०पी०एस लगाया जाना अनिवार्य होगा तथा जी०पी०एस० व धर्मकांटा को भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय, उत्तराखण्ड के विभागीय
ई-रवन्ना पोर्टल के साथ इन्टीग्रेट किया जायेगा। (5) खनिजों के परिवहन में प्रयुक्त होने वाले भारी वाहनों का परिवहन मार्ग उपजिलाधिकारी / जिला खान अधिकारी के द्वारा वाहन स्वामियों के आपसी समन्वय से निर्धारित किया जायेगा एवं निर्धारित मार्ग में पड़ने वाले चैक पोस्टों पर सम्बन्धित वाहनों के द्वारा ई-रखन्ना प्रपत्रों की जाँच करायी जायेगी, बिना वैध ई-रखन्ना एवं निर्धारित मार्ग से अन्यत्र मार्ग में परिवहन करते पाये जाने वाले वाहन पर लदे उपखनिजों को अवैध मानते हुए ऐसे पकड़े गये वाहनों पर जिला खान अधिकारी के द्वारा नियम-14 के उपनियम-2 के अनुसार कार्यवाही सम्पादित की जायेगी। (6) खनिजों के परिवहन में प्रयुक्त होने वाले वाहनों के आगे एवं पीछे स्पष्ट वाहन संख्या आदि प्रदर्शित होनी अनिवार्य होगी, बिना वाहन संख्या अथवा अस्पष्ट वाहन संख्या एवं बिना वैध ई-रवन्ना प्रपत्र के खनिजों का परिवहन किये जाने वाले वाहन स्वामी के विरूद्ध इस नियमावली के नियम-14 के उपनियम-2 के अन्तर्गत कार्यवाही की जायेगी तथा वाहन मे लदे उपखनिज को वाहन स्वामी के द्वारा जिस स्टोन क्रेशर / स्क्रीनिंग प्लांट / रिटेल भण्डारणकर्ता / अनुज्ञाधारक आदि से लाया गया है, के विरूद्व जिला खान अधिकारी के द्वारा जॉचोपरान्त रू0 05 लाख अर्थदण्ड अधिरोपित कर वसूल किया जायेगा।