गलत निकला सेटेलाइट से बना वार्डों का नक्शा, अब धरातल पर जाकर तैयार होगा मानचित्र
वार्डों के परिसीमन की अनंतिम प्रकाशित सूची और वार्ड के प्रस्तावित नक्शों में भिन्नता की वजह से पिछले कई दिनों से नगर निगम में हंगामे की स्थिति है। प्रस्तावित परिसीमन के अनुसार वार्डों की नई भौगोलिक स्थिति का नक्शा नगर निगम ने सेटेलाइट की मदद से तैयार किया था। इसका विरोध होने के बाद नगर निगम अब नए सिरे से धरातलीय स्थिति के अनुरूप वार्डों का प्रस्तावित नक्शा तैयार कराएगा।
दरअसल, वार्ड के परिसीमन और नक्शा बनाने में करीब तीन-चार महीने का समय लग जाता है। निगम को 2011 की जनगणना के हिसाब से वार्ड का परिसीमन करना था। शासन के आदेश के बाद नगर निगम ने कुछ ही दिनों में परिसीमन कर अनंतिम सूची जारी कर दी और सेटेलाइट की मदद से वार्ड का नक्शा भी बना दिया। इसमें निगम वार्डों की भौगोलिक स्थिति का सटीक आंकलन नहीं कर सका। इसे लेकर निवर्तमान पार्षदों ने नगर निगम में हंगामा किया। पार्षदों ने आरोप लगाए कि उन्होंने अनंतिम सूची के हिसाब से अपनी आपत्तियां दर्ज कराईं थी, लेकिन वार्ड का जो नक्शा प्रस्तावित किया गया, वह इससे पूरी तरह भिन्न है। नगर आयुक्त ने पूरे मामले में निगम के अधिकारियों से बात की, जिसके बाद इस गलती का पता चला। अब निगम के इन प्रस्तावित नक्शों को ठीक किया जा रहा है।
ऐसे हुई थी गलतीI
दरअसल, नगर निगम के वार्ड के नक्शे मैन्युअल तरीके से बनाए जाते हैं। इसमें सेटेलाइट का भी सहारा लिया जाता है साथ ही कई लोग बैठकर वार्ड में मोहल्लों की भौगोलिक स्थिति का आंकलन कर वार्ड का सीमांकन करते हैं। लेकिन जल्दबाजी में नक्शा बनाने वालों ने सिर्फ सेटेलाइट के भरोसे वार्ड का सीमांकन कर दिया। ऐसे में कई मोहल्लों की गलियां इधर से उधर हो गईं। निवर्तमान पार्षदों को अपने वार्ड की भौगोलिक स्थितियों का अच्छा अंदाजा है, ऐसे में जब लोगों ने प्रस्तावित नक्शों को देखा तो उन्होंने इसे निगम के अधिकारियों की मिलीभगत समझा।
Iवार्ड परिसीमन के अनंतिम प्रकाशन और वार्ड के प्रस्तावित नक्शों में भिन्नता गूगल मैप की गलती की वजह से हुई थी। इसको ठीक कराया जा रहा है। अनंतिम सूची के प्रकाशन पर ही आपत्तियां मांगी गई थी और उनके हिसाब से ही सुनवाई की गई। प्रस्तावित सूची से नक्शे भिन्न नहीं होंगे।
I
I-गौरव कुमार, नगर आयुक्तI