प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में बढ़ेगी डॉक्टरों की सुरक्षा, कोलकाता की घटना के बाद लिया फैसला
कोलकाता में हुई घटना के बाद प्रदेश के सभी सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों में सुरक्षा व्यवस्था में किसी तरह की ढील नहीं बरती जाएगी। इसके लिए कॉलेजों को सुरक्षा संबंधित दिशा-निर्देश दिए गए।
प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टरों, नर्स और अन्य स्टाफ के साथ छात्रावास में सुरक्षा व्यवस्था के कड़े प्रबंध किए जाएंगे। कोलकाता में महिला डॉक्टरों के साथ दुष्कर्म और हत्या की घटना के बाद चिकित्सा शिक्षा विभाग ने सभी मेडिकल काॅलेज में सुरक्षा को लेकर दिशा-निर्देश जारी कर स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। इसमें चार राजकीय मेडिकल कॉलेजों की सुरक्षा संबंधी रिपोर्ट मिली गई है। कमियों को दूर करने के लिए शासन स्तर पर फैसला लिया जाएगा। साथ ही केंद्र सरकार को रिपोर्ट भेजी जाएगी।
चिकित्सा शिक्षा निदेशक डॉ. आशुतोष सयाना ने बताया कि कोलकाता में हुई घटना के बाद प्रदेश के सभी सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों में सुरक्षा व्यवस्था में किसी तरह की ढील नहीं बरती जाएगी। इसके लिए कॉलेजों को सुरक्षा संबंधित दिशा-निर्देश दिए गए। कॉलेजों, अस्पतालों में इमरजेंसी, डॉक्टरों व नर्सों के स्टाफ रूम, सीसीटीवी कैमरे, अस्पतालों व छात्रावास के आसपास लाइटिंग की व्यवस्था, पास सिस्टम समेत अन्य सुरक्षा व्यवस्थाओं पर मेडिकल कॉलेजों से स्टेटस रिपोर्ट मांगी गई है
राजकीय मेडिकल कॉलेज देहरादून, श्रीनगर, हल्द्वानी और अल्मोड़ा की स्टेटस रिपोर्ट मिल गई है। व्यवस्थाओं को जो कमियां होंगी, उसे दूर करने के लिए शासन स्तर पर निर्णय लिया जाएगा। चिकित्सा शिक्षा निदेशालय की ओर से जल्द ही स्टेटस रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी।
जिसके बाद केंद्र सरकार को भी मेडिकल कॉलेजों में सुरक्षा व्यवस्था की रिपोर्ट भेजी जाएगी। डॉ. सयाना ने बताया कि मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टरों, नर्सों व अन्य स्टाफ के सुरक्षा के मानक बने हैं। लेकिन इन मानकों का अनुपालन किया जा रहा है या नहीं। इस पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।